IPS Shivdeep Lande Education: आईपीएस छोड़कर शुरू की राजनीतिक पार्टी, जानें कितने पढ़े लिखे हैं शिवदीप लांडे
IPS Shivdeep Lande Education: 18 साल तक आईपीएस सेवा देने वाले ‘रियल सिंघम’ शिवदीप लांडे ने वर्दी छोड़ अब राजनीति में कदम रखा है. ‘Run for Self’ कैंपेन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी ‘हिंद सेना पार्टी’ की घोषणा की है. उनकी लोकप्रियता बिहार में किसी नायक से कम नहीं. ऐसे में जानें कहां से हुई है शिवदीप लांडे की पढ़ाई.
By Pushpanjali | April 8, 2025 1:40 PM
IPS Shivdeep Lande Education: बिहार की धरती पर जब-जब कानून व्यवस्था की बात होती है, एक नाम हमेशा गूंजता है — शिवदीप लांडे. ‘सिंघम’ और ‘सुपरकॉप’ जैसे नामों से मशहूर इस जांबाज अफसर ने 18 साल तक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा दी और अपने साहसिक कार्यों व बेखौफ अंदाज से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. अब उन्होंने वर्दी को अलविदा कहकर एक नई शुरुआत की है — जनता के बीच, जनता के लिए. पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने अपनी सेवा से इस्तीफा देकर लोगों के बीच सीधा संवाद शुरू किया है. उन्होंने एक अनोखा कैंपेन लॉन्च किया है जिसका नाम है ‘Run for Self’. बिहार में शिवदीप लांडे की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है और लोग उन्हें एक नायक की तरह देखते हैं. उन्होंने आज ही पनी नई पार्टी ‘हिंद सेना पार्टी’ के गठन का ऐलान किया है. अगर आप अब तक इस शख्सियत को नहीं जानते थे, तो चलिए, हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों शिवदीप लांडे सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक प्रेरणा हैं.
IPS Shivdeep Lande Education: इस मशहूर काॅलेज से की पढ़ाई
शिवदीप पांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और यूपीएससी में सफलता मिलने के बाद उन्हें बिहार कैडर सौंपा गया था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने होमटाउन अकोला के सरस्वती विद्या मंदिर हाई स्कूल से की, इसके बाद उन्होंने श्री संत गजानन महाराज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की.
प्रेस वार्ता के दौरान लांडे ने घोषणा की कि उनकी पार्टी ‘हिंद सेना पार्टी’ राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य जात-पात, धर्म और वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर जनता को एक पारदर्शी, ईमानदार और व्यवस्थित शासन देना है. लांडे का मानना है कि बिहार को अब पुराने नारों और खोखली राजनीति से बाहर निकलकर एक नए नेतृत्व की जरूरत है, जो मानवता, न्याय और सेवा को प्राथमिकता दे, न कि केवल भावनात्मक मुद्दों के सहारे जनता को भ्रमित करे.