JSSC: राज्य में सहायक आचार्य पदों पर बहुप्रतीक्षित नियुक्ति प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में घिर गई है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा वर्ष 2023 में शुरू हुई स्नातक स्तरीय सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए हैं.
विज्ञान और गणित विषयों के लिए हुई इस परीक्षा में कुल 5008 पदों पर बहाली के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. इसके आधार पर 2734 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाया गया, परंतु अंतिम अनुशंसा केवल 1661 अभ्यर्थियों की ही की गई. शेष रिक्त पदों को लेकर आयोग की चुप्पी और पारदर्शिता की कमी अभ्यर्थियों की चिंता का कारण बन रही है.
नॉर्मलाइजेशन पर विवाद
रिजल्ट को लेकर सबसे बड़ा विवाद नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में उच्च प्राप्तांक हासिल करने के बावजूद कई योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया. उनका कहना है कि नियमावली में नॉर्मलाइजेशन का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, फिर भी इसे रिजल्ट का आधार बनाया गया.
कई अभ्यर्थियों का प्राप्तांक सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे यह समझना मुश्किल हो गया है कि वे चयन सूची से क्यों बाहर रह गए. उदाहरणस्वरूप, एक अभ्यर्थी अमित (सामान्य वर्ग) ने अनुमानित 281 अंक प्राप्त किए थे, लेकिन नाम चयन सूची में नहीं है.
अभ्यर्थियों की मांग
अब अभ्यर्थी यह जानना चाह रहे हैं कि जब सीटें रिक्त हैं और वे न्यूनतम योग्यता अंकों को पार कर चुके हैं, तो उन्हें चयन से क्यों वंचित किया गया. साथ ही वे मांग कर रहे हैं कि प्राप्तांक और नॉर्मलाइजेशन फार्मूला को सार्वजनिक किया जाए, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
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