JSSC: स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के गणित और विज्ञान विषय के परिणाम को लेकर सोमवार को जेएसएससी मुख्यालय के बाहर अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया.
जेएसएससी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में से 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया. आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता से प्रतिनिधियों की बातचीत पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई, लेकिन वार्ता किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची.
मुख्य आरोप क्या हैं?
अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 5008 पदों में से केवल 1661 अभ्यर्थियों का ही परिणाम घोषित किया गया, जबकि 2200 से अधिक पद अब भी खाली हैं. खास बात यह है कि 2734 अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन हो चुका था, इसके बावजूद केवल 1661 का ही रिजल्ट जारी किया गया.
इसके अलावा, गैर-पारा शिक्षक कैटेगरी में पारा शिक्षकों को शामिल कर उच्च अंक पाने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया. अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि जब पारा शिक्षकों के लिए 50% सीटें आरक्षित थीं, तो बाकी 50% सीटों पर सामान्य अभ्यर्थियों को क्यों नहीं चुना गया?
मेरिट लिस्ट और कटऑफ को लेकर भी सवाल
अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि फाइनल मेरिट लिस्ट जारी होने के बावजूद कटऑफ माकर्स (नॉर्मलाइज्ड) की घोषणा नहीं की गई. कई ऐसे अभ्यर्थी जिनकी डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन सफल रही, उनका नाम मेरिट लिस्ट में ही नहीं आया.
आंदोलन की चेतावनी
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी नहीं बनाया गया और शेष रिक्त पदों के लिए स्पष्ट परिणाम जारी नहीं किए गए, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और सड़क पर उतरेंगे.
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