NDA 148th Passing Out Parade: ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक, एनडीए में पहली बार 17 महिला कैडेट्स की पासिंग आउट परेड

NDA 148th Passing Out Parade: NDA 148वीं पासिंग आउट परेड में पहली बार महिला कैडेट्स ने इतिहास रच दिया है. करीब 17 महिला कैडेट्स ने 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स के साथ कदम से कदम मिलाकर परेड में शामिल हो रही हैं. यह पल न सिर्फ भारतीय सेना के लिए अहम है, बल्कि पूरे देश की नारी शक्ति और बराबरी की सोच का प्रतीक है. अब महिलाएं भी सेना की मुख्यधारा में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं.

By Shubham | May 30, 2025 9:46 AM
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NDA 148th Passing Out Parade: भारत के सैन्य इतिहास में पहली बार एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुष कैडेट्स के साथ परेड करेंगी. यह वो पल है जब भारत की बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर देश सेवा के लिए आगे बढ़ेंगी. आइए जानते हैं इसके (NDA 148th Passing Out Parade) बारे में विस्तार से

2021 में मिली एंट्री, अब दिख रहा है असर

साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिलाओं को पहली बार NDA में एंट्री मिली थी. कोर्ट ने कहा था कि लड़कियों को भी एनडीए और नौसेना अकादमी की परीक्षाओं में बैठने का हक मिलना चाहिए. उसी फैसले की बदौलत आज ये 17 महिला कैडेट्स इतिहास रचने जा रही हैं. पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी. के. सिंह ‘पासिंग आउट परेड’ के निरीक्षण अधिकारी थे. अकादमी के कैडेट कैप्टन उदयवीर नेगी ने 148वें पाठ्यक्रम की परेड की कमान संभाली.

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नौसेना और वायुसेना की सेवा में होंगी शामिल

ये महिला कैडेट्स नौसेना और वायुसेना की सेवा में शामिल होंगी. अब महिलाएं सिर्फ़ सैन्य प्रशिक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फ्रंटलाइन पर तैनात होकर फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं, कमांडिंग पोस्ट पर आसीन हैं और सेना में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से बढ़ा आत्मविश्वास

हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महिला अधिकारियों की भागीदारी ने साफ कर दिया कि महिलाएं अब सिर्फ़ दर्शक नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा में सक्रिय भागीदार हैं. कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी अधिकारी इस बदलाव की मिसाल हैं.

ऐसे मिला हौसला (NDA 148th Passing Out Parade)

एनडीए में महिलाओं की एंट्री एक बड़ी सोच का नतीजा है. मोदी सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, और ‘जननी सुरक्षा योजना’ जैसी योजनाओं ने महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया. अब बेटियां सिर्फ़ पूजा की पात्र नहीं, बल्कि देश की निर्णय लेने वाली शक्ति बन रही हैं.

परंपरा और आधुनिकता का मेल (NDA 148th Passing Out Parade)

भारत में देवी लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा की पूजा की जाती है. अब वही शक्ति सशस्त्र बलों, संसद, न्यायालय और विज्ञान के क्षेत्र में नजर आ रही है. यह सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक बदलाव है.

प्रेरणा बनेंगी ये महिला कैडेट्स (NDA 148th Passing Out Parade)

NDA से पास होकर निकलने वाली ये 17 महिला कैडेट्स आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेंगी. यह केवल एक परेड नहीं, बल्कि नए भारत में महिलाओं की बराबरी, ताकत और नेतृत्व की कहानी है. ये कैडेट्स अब सिर्फ अपनी नहीं, पूरे देश की दिशा तय करेंगी.

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