ट्रेनिंग के दौरान भी मिलती है सैलरी
NDA में तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कैडेट्स को हर महीने 56,100 रुपए स्टाइपेंड के तौर पर मिलता है. यह रकम युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाती है और उन्हें प्रोफेशनल लाइफ की तैयारी के लिए भी मदद देती है.
ऑफिसर बनने के बाद बढ़ती है सैलरी
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जब कैडेट कमीशंड ऑफिसर बनते हैं, तो उनकी सैलरी में बड़ा उछाल आता है. एक लेफ्टिनेंट के तौर पर शुरुआत 56,100 रुपए से होती है और जैसे-जैसे रैंक बढ़ती है, वैसे-वैसे सैलरी भी बढ़ती जाती है.
रैंक वाइज सैलरी स्ट्रक्चर
- कैप्टन: 61,300 रुपए – 1,93,900 रुपए
- मेजर: 69,400 रुपए – 2,07,200 रुपए
- लेफ्टिनेंट कर्नल: 1,21,200 रुपए – 2,12,400 रुपए
- कर्नल/ब्रिगेडियर/मेजर जनरल: 1,30,600 रुपए – 2,18,200 रुपए
- लेफ्टिनेंट जनरल: 2,24,000 रुपए (फिक्स)
- सेना प्रमुख (COAS): 2,50,000 रुपए (फिक्स)
भत्ते और अन्य सुविधाएं
सिर्फ सैलरी ही नहीं, NDA अफसरों को हाउस रेंट, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, महंगाई भत्ता, मिलिट्री सर्विस पे जैसे कई भत्ते मिलते हैं. इसके अलावा, सरकारी आवास, मुफ्त चिकित्सा, बच्चों की पढ़ाई, राशन और रिटायरमेंट पर पेंशन जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं.
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