NEET UG 2025 Topper: मोबाइल कवर बेचने वाला रोहित अब बनेगा डॉक्टर, जमशेदपुर के बेटे को खुद अलख पांडे ने आकर दी बधाई
NEET UG 2025 Topper: जमशेदपुर के रोहित कुमार ने NEET 2025 में 549 अंक हासिल कर सबको चौंका दिया. सब्जी बेचने वाले पिता और आर्थिक तंगी के बावजूद रोहित ने डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया. फिजिक्सवाला के 'यकीन बैच' से मिली मदद और खुद की मेहनत ने दिलाई सफलता.
By Pushpanjali | June 15, 2025 1:40 PM
NEET UG 2025 Topper: जब हालात साथ नहीं देते, तब इंसान के हौसले उसका सबसे बड़ा सहारा बनते हैं. गरीबी, संघर्ष और जिम्मेदारियों के बीच अगर कोई अपनी मंजिल तय कर ले, तो वह सिर्फ सफलता नहीं, इतिहास रचता है. जमशेदपुर के भूईयांडीह की गलियों से निकलकर रोहित कुमार ने NEET 2025 में 549 अंक प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि सपना कितना भी बड़ा क्यों न हो, मेहनत और लगन से हर दीवार को पार किया जा सकता है. एक तरफ पिता ठेले पर सब्जी बेचते रहे, दूसरी तरफ बेटा रोज 14 घंटे पढ़कर डॉक्टर बनने की तैयारी करता रहा. यह कहानी है जिद, जुनून और जीत की — एक ऐसे युवा की, जिसने विपरीत परिस्थितियों को मात देकर अपनी पहचान खुद बनाई.
ठेले पर सब्जी बेचते हैं पिता, खुद चलाते थे मोबाइल कवर की दुकान
रोहित का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. उनके पिता ठेले पर सब्जी बेचते हैं, मां गृहणी हैं. घर चलाने के लिए रोहित और उनके भाई ने मोबाइल कवर की छोटी-सी दुकान शुरू की. इसी के साथ सरकारी स्कूल से पढ़ाई जारी रखी. मात्र 800 रुपये फीस वाले स्कूल से उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की.
कोरोना काल में जागा डॉक्टर बनने का सपना
कोविड महामारी के दौरान रोहित मेडिकल स्टोर में काम करने लगे. वहीं उन्होंने पहली बार डॉक्टर बनने का सपना देखा. NEET के बारे में जानकारी बड़े भाई से मिली और यहीं से तैयारी शुरू हुई. पहले प्रयास में 485 अंक मिले, लेकिन रोहित ने हार नहीं मानी.
‘यकीन 2.0’ बैच में फ्री में पढ़ाई, रोजाना 14 घंटे की मेहनत
रोहित ने फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) के ‘Yakeen 2.0’ बैच में दाखिला लिया, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए नि:शुल्क था. उन्होंने रोजाना 14 घंटे लोकल लाइब्रेरी में पढ़ाई की. रास्ते में कई बाधाएं आईं बीमारी, थकावट, और परीक्षा के दिन हाथ पर मधुमक्खी का डंक भी पर वह रुके नहीं.
अलख पांडे ने जमशेदपुर आकर दी बधाई
रोहित की सफलता से प्रभावित होकर फिजिक्सवाला के संस्थापक और CEO अलख पांडे खुद दिल्ली से जमशेदपुर पहुंचे और उन्हें सम्मानित किया. अलख पांडे ने कहा, “रोहित ने साबित कर दिया कि अगर जज्बा हो, तो हालात चाहे जैसे भी हों, सफलता जरूर मिलती है.”