परिवार में है विद्या की विरासत
निहारिका के पिता विजय गुप्ता पेशे से वकील हैं, तो वहीं उनके चाचा अजय साह एक चिकित्सक हैं. इस शिक्षित और सेवा-प्रधान पारिवारिक पृष्ठभूमि ने निहारिका को शुरू से ही ज्ञान और मेहनत के महत्व को समझाया. उनके भाई रौशन ने वर्ष 2023 में NEET परीक्षा में सफलता हासिल की थी.
बचपन से ही रही मेधावी, BPSC में भी पाई थी सफलता
निहारिका बचपन से ही पढ़ाई में तेज रही हैं. उन्होंने इससे पहले BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में भी सफलता पाई थी, लेकिन उनका सपना था कि अपने राज्य झारखंड में अधिकारी बनकर सेवा करें. और अब JPSC में 14वीं रैंक प्राप्त कर उन्होंने ये सपना भी साकार कर दिखाया.
मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य ने दिखाया रास्ता
निहारिका की सफलता कोई संयोग नहीं बल्कि सतत प्रयास का परिणाम है. वे मानती हैं कि “सपनों को सिर्फ देखने से नहीं, उन्हें जिद और अनुशासन से जिया जाता है.” उनका फोकस, टाइम मैनेजमेंट और परिवार का सहयोग उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा.
बेटियों के लिए प्रेरणा बनी निहारिका
आज निहारिका पूरे राज्य के युवाओं, खासकर बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उनके अनुसार, “अगर आपके घर में साधन सीमित भी हों, लेकिन सोच बड़ी हो, तो हर परीक्षा में सफलता मिल सकती है.”
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