PM Vidya Laxmi Scheme Kya Hai: क्या है पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम?
पीएम विद्या लक्ष्मी स्कीम मेधावी छात्रों को लोन देता ताकि आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा हासिल में उन्हें कोई बाधा नहीं आए. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत एक पहल है जिसके तहत सार्वजनिक और सार्वजनिक उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में कई उपायों के माध्यम से मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध होनी चाहिए. इस योजना के तहत स्टूडेंट्स को घरेलू संस्थानों में हायर एजुकेशन (Higher Education) के लिए बिना किसी जमानत या गारंटर के 10 लाख एजुकेशन लोन दिया जाता है. पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), अनुसूचित बैंकों और सहकारी बैंकों पर लागू होती है.
PM Vidya Laxmi Scheme Objective: स्कीम का उद्देश्य
इस स्कीम का उद्देश्य है कि देश के होनहार युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से किसी कारण वंचित न रह जाएं. इस योजना के तहत देश के 860 उच्च शिक्षण संस्थान के 22 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है. इस योजना पर सरकार वित्त वर्ष 2024-25 से 2030- 31 के दौरान 3600 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
PM Vidya Laxmi Scheme Eligibility: कौन कर सकता है इस लोन के लिए आवेदन?
इस योजना के तहत बिना गारंटर के 10 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन स्टूडेंट्स (Education Loan) को मिलेगा. हालांकि, इसके लिए आवेदन करने से पहले जरूरी शर्तों को जान लें. यहां देखें पात्रता-
गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (QHEI) में प्रवेश पाने वाले सभी छात्र ही इस स्कीम के लिए योग्य माने जाएंगे.
स्कीम के तहत संबंधित कॉलेज निजी और सरकारी NIRF Ranking 2024 के तहत एआईआर 100वें स्थान में आने चाहिए और स्टेट में 200 रैंक या इसके भीतर होने चाहिए.
ऐसे छात्र जो अन्य किसी केंद्रीय/राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाले एजुकेशन लोन का लाभ उठा रहे हैं, वे इस स्कीम के लिए पात्र नहीं होंगे.
ऐसे छात्र जो अनुशासनात्मक/शैक्षणिक कारणों से संस्थान से निकाले गए या बीच में ही पढ़ाई छोड़ दिया वे इस स्कीम के तहत क्रेडिट राशि के लिए पात्र नहीं होंगे. हालांकि, चिकित्सा कारणों (मेडिकल सर्टिफिकेट्स) के कारण बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट्स योजना के तहत ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी के लिए पात्र होंगे.
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