Success Story: IIMC-JNU की पढ़ाई छोड़ी, गांव में बना डाली अनोखी पाठशाला, जहां बच्चे फिल्म-संगीत से सीखते हैं!

Success Story: आज की सक्सेस स्टोरी में हम उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता क्षेत्र में स्थित नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के बारे में जानेंगे, जो एक अनूठा शिक्षण संस्थान है, जो पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से अलग हटकर बच्चों में जिज्ञासा, नेतृत्व कौशल और सामाजिक संवेदनशीलता विकसित करने पर जोर देता है.

By Govind Jee | March 28, 2025 8:06 AM
an image

Success Story in Hindi: आज की सक्सेस स्टोरी में हम उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता क्षेत्र में स्थित नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के बारे में जानेंगे, जो एक अनूठा शिक्षण संस्थान है, जो पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से अलग हटकर बच्चों में जिज्ञासा, नेतृत्व कौशल और सामाजिक संवेदनशीलता विकसित करने पर जोर देता है. इस स्कूल की स्थापना कमलेश अटवाल, प्रकाश चंद और उनके तीन साथियों ने की थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करना था, जो उन्हें बड़े शहरों के छात्रों के बराबर खड़ा कर सके और आज के नए डिजिटल युग में यह स्कूल फिल्म निर्माण से लेकर वाद-विवाद तक कई कौशलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है.

Nanakmatta Public School: कमलेश अटवाल ने IIMC और JNU से पढ़ाई की है

कमलेश अटवाल उत्तराखंड के मिल्क नजीर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने IIMC और JNU से उच्च शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद 2012 में उन्होंने नानकमत्ता पब्लिक स्कूल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को व्यावहारिक और निर्णय आधारित शिक्षा प्रदान करना था. 2015 में पीएचडी पूरी करने के बाद उन्होंने स्कूल को नए तरीके से संचालित किया, जहां छात्रों को पाठ्यपुस्तकों से परे व्यावहारिक तरीके से सीखने का अवसर मिलता है. उनकी पहल के तहत छात्र डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाते हैं, सामुदायिक शिक्षा केंद्र चलाते हैं और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करते हैं. कोविड-19 के दौरान उन्होंने 23 गांवों में पुस्तकालय स्थापित किए. स्कूल को ‘विप्रो अर्थियन अवार्ड’ भी मिला. कमलेश का मानना ​​है कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं होनी चाहिए, बल्कि तर्कसंगत और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिक बनाने का माध्यम होनी चाहिए. उनका प्रयास शिक्षा में नवाचार और समावेशिता को बढ़ावा देना है.

Success Story: शिक्षा की नई दिशा

नानकमत्ता पब्लिक स्कूल में शिक्षा का दृष्टिकोण पारंपरिक रटने की पद्धति से बिल्कुल अलग है. इस स्कूल की शिक्षा प्रणाली अन्य स्कूलों से बिल्कुल अलग है जहां बच्चों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी जाती है ताकि बच्चों पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े, इससे बच्चों में उनके कौशल और मानसिक विकास में मदद मिलती है, जिससे वे अपनी पढ़ाई की दिशा खुद तय कर सकते हैं. स्कूल बच्चों को फिल्म निर्माण, वाद-विवाद और सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से सामाजिक मुद्दों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान और समझ विकसित करने का अवसर भी देता है.

सामुदायिक भागीदारी और नेतृत्व विकास

स्कूल के छात्र विभिन्न सामुदायिक केंद्रों की स्थापना और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं. इन केंद्रों के माध्यम से वे उन बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और स्कूल नहीं जा सकते हैं. इन केंद्रों में पुस्तक मेले, विज्ञान मेले, खेल, संगीत और फिल्म स्क्रीनिंग जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिससे बच्चों में नेतृत्व कौशल और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है.

Wipro Earthian Award: पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और पुरस्कार

नानकमत्ता पब्लिक स्कूल ने पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। स्कूल ने देश के सबसे प्रतिष्ठित पर्यावरण शैक्षिक कार्यक्रमों में से एक ‘विप्रो अर्थियन अवार्ड’ 2023 भी जीता. इस पुरस्कार के लिए, छात्रों ने छह महीने तक पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों में भाग लिया और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसमें लोगों से बातचीत, फील्ड वर्क और स्थानीय संदर्भों का अवलोकन शामिल था.

शिक्षकों की भूमिका और दृष्टिकोण

स्कूल के शिक्षक बच्चों के साथ-साथ सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं. उनका मानना ​​है कि शिक्षा का उद्देश्य भविष्य के ऐसे नागरिक तैयार करना है जो तर्कसंगत हों, मानवीय दृष्टिकोण रखते हों और समाज के प्रति संवेदनशील हों. वे बच्चों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता देते हैं और उन्हें अपने आस-पास के समाज और पर्यावरण के बारे में जागरूक करते हैं.

ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट और स्कूल के सोशल मीडिया से लिया गया है. नानकमत्ता पब्लिक स्कूल इस बात का उदाहरण है कि कैसे शिक्षा को पारंपरिक पैटर्न से अलग करके बच्चों में जिज्ञासा, नेतृत्व और सामाजिक संवेदनशीलता विकसित की जा सकती है. स्कूल न केवल छात्रों को अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़कर एक समग्र शिक्षा भी प्रदान करता है, जो उनके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में सहायक है.

पढ़ें: Success Story: बिहार के इस ‘सुपर कॉप’ को कभी आया था आत्महत्या का ख्याल! पढ़िए खाकी वेबसीरीज के असली IPS की कहानी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Education News in Hindi: education news, career news, employment news, Job alerts news in Hindi at Prabhat Khabar

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version