Success Story: जहां चाह वहां राह होती है. यह कहावत उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के छोटे से गांव बीरों देवल के रहने वाले अतुल कुमार ने सच कर दिखाई है. कठिन हालात, सीमित संसाधन, और परिवार की जिम्मेदारी—इन सभी के बीच अतुल ने जो कर दिखाया, वह हर युवा के लिए प्रेरणा है.
केदारनाथ यात्रा के दौरान अपने पिता के साथ घोड़ा-खच्चर चलाकर आजीविका चलाने वाला यह युवक अब IIT मद्रास में एमएससी गणित की पढ़ाई करेगा। IIT JAM 2025 में उन्होंने ऑल इंडिया 649वीं रैंक हासिल की है. अपनी मेहनत, लगन और इच्छाशक्ति से अतुल ने यह साबित किया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती.
पढ़ाई और संघर्ष साथ-साथ
अतुल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी अंतिम वर्ष की पढ़ाई की है. इस दौरान वे रोजाना 4–5 घंटे स्वअध्ययन करते थे. केदारनाथ यात्रा सीजन में वे अपने पिता के साथ घोड़ा-खच्चर चलाते और परिवार की आर्थिक मदद करते. जब उन्हें पढ़ाई करनी होती, तब उनका छोटा भाई यह काम संभालता.
उनका परिवार पूरी तरह केदारनाथ यात्रा पर निर्भर है। पिता ओमप्रकाश वर्षों से घोड़ा-खच्चर चलाते आ रहे हैं, जबकि मां संगीता देवी गृहणी हैं. परिवार में माता-पिता, एक विवाहित बड़ी बहन, छोटा भाई और बहन हैं.
पहले भी रहा है शानदार रिकॉर्ड
अतुल इससे पहले उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं कक्षा में राज्य में 17वीं रैंक और 12वीं में 21वीं रैंक प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने खुद ही बिना कोचिंग के JAM की तैयारी की और बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद मानते हैं कि उन्हें IIT मद्रास में दाख़िला मिल रहा है.
अब अगला पड़ाव: IIT मद्रास
अब अतुल 22 जुलाई को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल रिपोर्टिंग के लिए IIT Madras जाएंगे. उनके मुताबिक, यह सब उनके शिक्षकों, दोस्तों और परिवार के सहयोग से संभव हो सका है.
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