कोविड के दौरान पिता को खोया
दिव्या के पिता स्वर्गीय विजय सिंह का सपना था कि उनकी बेटी जज बने, लेकिन साल 2021 में कोविड महामारी के दौरान उनका निधन हो गया. पिता को खोने के बाद दिव्या पूरी तरह से टूट गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. दिव्या ने खुद से वादा किया कि वह अपने पिता के सपने को हर हाल में पूरा करेंगी. इस सफर में उन्हें उनके परिवार, खासकर उनकी मां का पूरा सहयोग और प्रोत्साहन मिला. मां ने हर कठिन परिस्थिति में दिव्या को संभाला, उन्हें हिम्मत दी और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. दिव्या पांच बहनों और एक भाई के बीच पली-बढ़ी हैं. उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है. अपने कठिन संघर्ष और अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर दिव्या ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
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मां का मिला सहयोग
दिव्या ने खुद से वादा किया कि वह अपने पिता के सपने को हर हाल में पूरा करेंगी. इस सफर में उन्हें उनके परिवार, खासकर उनकी मां का पूरा सहयोग और प्रोत्साहन मिला. मां ने हर कठिन परिस्थिति में दिव्या को संभाला, उन्हें हिम्मत दी और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. दिव्या पांच बहनों और एक भाई के बीच पली-बढ़ी हैं. उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है. अपने कठिन संघर्ष और अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर दिव्या ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
दिव्या ने मीडिया से बातचीत करते हुए ये बताया था कि BPSC PCS (J) की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सोशल मीडिया से कुछ दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि यह कई बार ध्यान भटकाने का कारण बन सकता है. प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के दौरान सिलेबस पर केंद्रित रहना आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर प्रश्न उसी से संबंधित होते हैं. यदि आप जज बनना चाहते हैं, तो LLB की पढ़ाई के दौरान ही गंभीरता से तैयारी शुरू कर दें, क्योंकि यही पांच वर्षों की पढ़ाई आपको न्यायिक सेवा में सफल होने में सहायता करेगी.
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