Success Story: मंत्र, वेद-शास्त्र और IIT…अब ISRO तक पहुंचा गुरुकुल का छात्र, देखें गोविंद कृष्णन की अनोखी यात्रा

Success Story of Govind Krishnan M हमें सिखाती है कि हमारी सोच और आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है. उनका सफर सिर्फ करियर की नहीं, बल्कि एक सोच और संस्कृति की जीत है और यह दिखाता है कि गुरुकुल से लेकर इसरो तक का रास्ता भी तय किया जा सकता है.

By Shubham | June 27, 2025 10:49 AM
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Success Story of Govind Krishnan M in Hindi: भारत के युवा हमेशा से प्रतिभा और परिश्रम के लिए पहचाने जाते हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है गोविंद कृष्णन एम की, जिन्होंने गुरुकुल जैसे पारंपरिक संस्थान से पढ़ाई शुरू की और आज ISRO में एक सफल स्पेस साइंटिस्ट के रूप में काम कर रहे हैं. उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधन भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकते. आइए जानें Success Story of Govind Krishnan M यहां विस्तार से.

गुरुकुल से शुरू हुई शिक्षा की राह (Success Story)

रिपोर्ट्स और रिसर्च के मुताबिक, गोविंद कृष्णन केरल के रहने वाले हैं. उनकी स्कूली पढ़ाई किसी आधुनिक स्कूल में नहीं, बल्कि संस्कृत गुरुकुल में हुई. वहां उन्हें वेद, संस्कृत और वैदिक ज्ञान की शिक्षा मिली. तकनीकी युग में ऐसी शिक्षा पद्धति से पढ़ाई करना कई लोगों को मुश्किल लग सकता है, लेकिन गोविंद ने इसे ही अपनी ताकत बना लिया.

JEE Advanced से IIT तक की यात्रा

गुरुकुल से निकलकर गोविंद ने JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षा पास की और IIT में दाखिला लिया. उन्होंने Aerospace Engineering को चुना, जो उनकी स्पेस साइंटिस्ट बनने की दिशा में पहला कदम था.

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ISRO में कैसे मिला मौका?

IIT से ग्रेजुएशन के बाद गोविंद ने GATE परीक्षा पास की और ISRO में अप्लाई किया. कठिन टेस्ट और इंटरव्यू को पार करते हुए उनका चयन स्पेस साइंटिस्ट के पद पर हुआ. यही से उनकी असली उड़ान शुरू हुई विज्ञान की दुनिया में आसमान छूने की.

परंपरा और विज्ञान का मेल

गोविंद (ISRO Scientist Govind Krishnan) न केवल एक टेक्निकल एक्सपर्ट हैं बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, वेदों और संस्कृत की भी गहरी समझ है. वे मानते हैं कि भविष्य का विज्ञान हमारी प्राचीन भारतीय परंपराओं से प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़ेगा. यही सोच उन्हें बाकी वैज्ञानिकों से अलग बनाती है.

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

गोविंद कृष्णन की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है जो सोचते हैं कि गांव या पारंपरिक शिक्षा से वे कुछ बड़ा नहीं कर सकते. उन्होंने यह साबित किया कि जुनून, लगन और सही दिशा में की गई मेहनत से हर सपना सच हो सकता है.

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