Success Story: मां करती थी दिहाड़ी मजदूरी, बेटा बन गया IAS अफसर

Success Story: दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने रचा इतिहास, मां ने बेहद मुश्किलों से पढ़ाया, स्कूल में एवरेज स्टूडेंट रहने के बावजूद हासिल की यूपीएससी में सफलता, आज बन गए हैं कलेक्टर.

By Pushpanjali | February 28, 2025 5:32 PM
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Success Story: कहते हैं न कि अगर किसी व्यक्ति में सच्ची लगन और मेहनत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार करके सफलता की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. यह कहानी राजस्थान के एक ऐसे युवा की है, जिसने अपनी कठिनाइयों और संघर्षों को अपनी ताकत बना लिया और एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जिसकी वह कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था. यह कहानी है हेमंत की, जो एक किसान के बेटे के रूप में पैदा हुआ और जिनकी मां मनरेगा में दिहाड़ी पर काम करती थीं. हेमंत का बचपन आर्थिक तंगी के बीच बीता, जहां एक दिन की मजदूरी से ही घर का खर्च मुश्किल से चलता था. हेमंत की मां को मनरेगा में काम करने के 200 रुपये मिलते थे, लेकिन अक्सर उन्हें 60 या 80 रुपये ही मिल पाते थें एक दिन जब हेमंत ने अपनी मां से उनकी परेशानियों के बारे में पूछा, तो मां ने अपना दर्द बयां किया जिसके बाद हेमंत ने उन लोगों से हिसाब मांगा तो उन्होंने कहा, “तू कहीं का कलेक्टर है क्या?” यह शब्द हेमंत के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव था, क्योंकि वह इससे पहले कलेक्टर शब्द के बारे में नहीं जानता था. हालांकि, यही शब्द हेमंत के दिल में एक सपना बुनने की शुरुआत बनी. हेमंत ने अपने जीवन में एक नया लक्ष्य तय किया – वह कलेक्टर बनेगा.

आर्थिक तंगी में बीता जीवन

हेमंत का जन्म राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनका पूरा जीवन आर्थिक तंगी में बीता. हेमंत के पिता थोड़ा बहुत पूजा पाठ करवाने का काम करते थे. बचपन से ही वे पढ़ाई में काफ़ी एवरेज थे. उन्हें 10वीं में 60 प्रतिशत अंक मिले थे और 12वीं में 70 प्रतिशत अंक मिले थे. इसके बाद उन्होंने JET की परीक्षा दी थी लेकिन उसमें वे फेल हो गए थे, हालांकि उन्होंने एक और अटेम्प्ट दिया था जिसमें वे सफल रहे लेकिन शुरुआती कोर्स में ही वे अपनी फीस भरने में नाकाम रहे जिस वजह से उन्हें अपना कोर्स छोड़ना पड़ा.

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अंग्रेजी में हुए फेल फिर भी अंग्रेजी मीडियम से ही की पढ़ाई

हेमंत ने JBT में एडमिशन लिया था लेकिन फर्स्ट ईयर में ही वह इंग्लिश के पेपर में फेल हो गए थे. लेकिन वे इससे हताश नहीं हुए, उन्होंने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया और घरवालों से टीचर की तैयारी के नाम पर झूठ बोलकर पैसे लिए और अंग्रेजी सीखना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन में अंग्रेजी मीडियम कॉलेज में दाखिला लिया और एग्रीकल्चर विषय में उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और फिर यूपीएससी की तैयारी में लग गए.

लोगों ने IAS के सपने का उड़ाया मजाक

हेमंत से जब कॉलेज में पूछा गया था कि वे क्या बनना चाहते हैं तो उन्होंने अपने टीचर से कहा था कि उन्हें नहीं पता वे आगे क्या करेंगे और इसपर उन्होंने अपने शिक्षक का मार्गदर्शन मांगा तो उन्होंने हेमंत को ताना मारते हुए कहा कि “IAS बन जाएगा?”, इसपर हेमंत ने तुरंत कहा कि “हां बन जाऊंगा”. इसपर उनके क्लास के सभी लोग उनपर हसने लगे और उनका खूब मजाक बनाया लेकिन आज हेमंत ने जो कर दिखाया है वो उन सब के मुंह पर एक बड़ा तमाचा है.

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