किसान पिता की ख्वाहिश की पूरी
पवन कुमार के पिता, मुकेश कुमार, एक किसान थे, और उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इसलिए, वे चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर एक अच्छी नौकरी करे और परिवार का सहारा बने. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, पवन कुमार ने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की ताकि वे अपने परिवार का सहारा बन सकें.
बहनों ने मजदूरी कर जुटाए पैसे
भाई-बहन का प्यार एक अटूट रिश्ता होता है, जहाँ भाई को जब बहन की ज़रूरत होती है, तो वह चट्टान की तरह उसके साथ खड़ी हो जाती है. ठीक वैसे ही, पवन के सपनों के प्रति उसकी लगन को देखकर उसके पिता के साथ-साथ बहनों ने भी उसकी पढ़ाई के लिए मजदूरी करनी शुरू कर दी, ताकि उनका भाई अपने सपने को पूरा कर सके और सफलता प्राप्त कर सके.
तिरपाल वाले घर में की पढ़ाई
जब अपने सपने मजबूत हों, तो मकान के कच्चे होने से क्या फर्क पड़ता है? पवन कुमार का घर तिरपाल से ढका हुआ था, लेकिन वे जानते थे कि अपने सपनों को पूरा करके ही वे अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं. इसलिए, उन्होंने दिन-रात मेहनत की और सफलता हासिल की.
ऐसे की UPSC की तैयारी
पवन कुमार ने नवोदय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया. दिल्ली में दो साल तक कोचिंग करने के साथ-साथ उन्होंने अपने कमरे में सेल्फ स्टडी भी की. कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर पवन कुमार ने वर्ष 2023 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 239वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की.
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