किसान पिता की बेटी
पूजा के पिता सदानंद महतो एक मेहनती किसान हैं. खेतों की मिट्टी से जुड़ा यह परिवार सीमित संसाधनों में भी शिक्षा को प्राथमिकता देता रहा. पूजा बताती हैं, “मेरे पापा ने मुझे हमेशा कहा कि बेटा, तू पढ़-लिख कर कुछ बड़ा कर, ताकि तुझे जिंदगी में संघर्ष न करना पड़े.”
इंजीनियर बनने का सपना, विज्ञान में विशेष रुचि
पूजा का सपना है कि वह भविष्य में एक इंजीनियर बने. उन्हें विज्ञान और गणित में विशेष रुचि है और वे आने वाले समय में जेईई की तैयारी करने की इच्छुक हैं. वह कहती हैं कि तकनीक के क्षेत्र में आगे जाकर देश के लिए कुछ करना चाहती हैं.
नियमित पढ़ाई और अनुशासन से मिली सफलता
पूजा ने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया. हर दिन एक तय समय पर पढ़ाई करना और कठिन विषयों को बार-बार दोहराना उनकी आदत में शामिल रहा. उन्होंने अपने स्कूल के शिक्षकों का मार्गदर्शन भी पूरी ईमानदारी से अपनाया.
बेटियों के लिए बनी मिसाल
पूजा की यह उपलब्धि उन हजारों ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बीच भी बड़े सपने देखती हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो खेत की मिट्टी से भी टॉपर्स पैदा होते हैं.
प्रभात खबर की ओर से पूजा कुमारी को ढेर सारी शुभकामनाएं.
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