Success Story in Hindi: राजेश जोशी की कविता की ये पंक्तियां “मैं झुकता हूं रोटी का कौर तोड़ने और खाने के लिए…”, बिल्कुल सही बैठती हैं सौम्या मिश्रा की कहानी पर. यूपीएससी 2024 का रिजल्ट आते ही सौम्या मिश्रा ने पूरे देश में नाम रोशन कर दिया. उन्होंने 18वीं रैंक लाकर दिखा दिया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.
Success Story: नौकरी के साथ की पढ़ाई, नहीं मानी हार
सौम्या 2021 में पीसीएस 2021 में दूसरे नंबर पर थीं और मिर्जापुर के मड़िहान तहसील में एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) के पद पर कार्यरत थीं. इसके बावजूद उन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. इससे पहले वह तीन बार असफल हो चुकी थीं, एक बार इंटरव्यू में चूक गईं और एक बार प्री-एग्जाम भी पास नहीं कर पाईं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में सफलता हासिल की.
उन्नाव की रहने वाली हैं सौम्या
सौम्या मिश्रा उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई दिल्ली में हुई है. उनके पिता राघवेंद्र मिश्रा दिल्ली सरकार में हिंदी के प्रोफेसर हैं और मां रेणु मिश्रा गृहिणी हैं. दूसरे प्रयास में सौम्या पीसीएस परीक्षा पास करके एसडीएम बनी थीं. अब चौथे प्रयास में उन्होंने आईएएस बनकर अपने सपने को पूरा किया.
पढ़ाई में परिवार और अधिकारियों का मिला साथ
सौम्या ने बताया कि नौकरी करते हुए पढ़ाई आसान नहीं थी. लेकिन उन्हें डीएम प्रियंका निरंजन का पूरा सहयोग मिला. उन्होंने सौम्या को पढ़ाई के लिए समय दिया और हमेशा प्रोत्साहित किया. साथ ही सौम्या ने अपने माता-पिता और शिक्षकों का भी शुक्रिया अदा किया, जिनकी वजह से वो इस मुकाम तक पहुंच पाईं.
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तैयारी कर रहे छात्रों को दी सलाह
सौम्या का कहना है कि अगर कोई बार-बार फेल हो रहा है तो घबराएं नहीं. अपनी गलतियों से सीखें और दोबारा तैयारी करें. उन्होंने कहा, “मैं भी तीन बार असफल हुई थी, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. अगर आप मन लगाकर तैयारी करेंगे तो जरूर सफल होंगे.”
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