Success Story: 40 बार रिजेक्शन, 5 साल की पढ़ाई, 3 साल की नौकरी…फिर वरुण चक्रवर्ती ने लिखी जीत की स्क्रिप्ट

Success Story: किस्मत कब कहां कैसे बदल जाये कोई कल्पना नहीं कर सकता, आज हम आपको बतायेंगे एक ऐसे आर्किटेक्ट की कहानी जिसने तीन साल तक बतौर आर्किटेक्ट नौकरी की और आज वह भारतीय क्रिकेट टीम का एक बड़ा सितारा बन गया है.

By Pushpanjali | March 10, 2025 1:27 PM
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Varun Chakravarthy Success Story: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में सभी मशहूर खिलाड़ियों के साथ इस बार एक नया चेहरा भी काफी ज्यादा सुर्खियों में है. इंडिया न्यूजीलैंड के मैच में उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरी दुनिया को अपने नाम से अवगत करा दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए सितारे वरुण चक्रवर्ती की. लेकिन क्या आपको पता है कि इनका जीवन बाकी खिलाड़ियों के मुकाबले काफी अलग रहा है. वे पहले एक आर्किटेक्ट थे, उन्होंने तीन साल उस फील्ड में नौकरी भी की लेकिन आज एक कामयाब क्रिकेटर के रूप में जानें जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बतायेंगे उनकी पढ़ाई से जुड़ी रोचक बातें.

पढ़ाई के लिए बनाई क्रिकेट से दूरी

वरुण चक्रवर्ती चेन्नई में रहते थे और उनकी प्रारंभिक पढ़ाई चेन्नई के केंद्रीय विद्यालय सीएलआरआई और सेंट पैट्रिक एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई. वरुण बचपन से ही क्रिकेट में काफ़ी दिलचस्पी रखते थे लेकिन 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस करने के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली. इसके बाद उन्होंने ये तय किया कि वह आर्किटेक्ट बनेंगे और इसके लिए उन्होंने एसआरएम यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु में दाखिला लिया और वहां से आर्किटेक्चर में डिग्री ली. आईसीसी टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए खुद इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने क्रिकेट काफ़ी देर से शुरू किया, इसके पहले वह आर्किटेक्ट बनना चाहते थे और फिल्में बनाने में रुचि रखते थे.

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2019 के आईपीएल में मिली जगह

वरुण चक्रवर्ती को साल 2019 में किंग्स इलेवेन पंजाब में शामिल किया गया लेकिन उस साल उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, हालांकि ठीक अगले साल यानी 2020 के आईपीएल में उन्हें कोलकाता नाईट राइडर्स में मौका मिला और वहाँ उन्होंने टीम के लिए 17 विकेट लिए और ख़ुद के काबिलियत को साबित किया. इस साल चैंपियंस ट्रॉफी में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद वरुण ने दुनियाभर में अपनी अनोखी पहचान बना ली है.

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