Success Story: 500 बार रिजेक्ट हुए, लेकिन नहीं मानी हार, Tier-III कॉलेज के सागर कुमार ने Google में पाई ड्रीम जॉब

Success Story: सागर कुमार की कहानी एक टीयर-3 कॉलेज से शुरू होकर गूगल तक पहुंचने की प्रेरक यात्रा है. रिजेक्शंस, संघर्ष और असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. सही रणनीति और मेहनत से उन्होंने 500% सैलरी हाइक के साथ गूगल में जगह बनाई. यह कहानी युवाओं के लिए एक सच्ची मिसाल है.

By Govind Jee | May 17, 2025 3:57 PM
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Success Story in Hindi: सागर कुमार की कहानी एक ऐसे युवा की है जिसने सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बीच अपने सपनों को साकार किया. टीयर-3 कॉलेज से पढ़ाई करने के बावजूद, सागर ने हार नहीं मानी और लगातार खुद को निखारते रहे. स्नातक (Graduation) की पढ़ाई के बाद सागर को TCS Ninja में 3.3 LPA का ऑफर मिला. यह एक अच्छे करियर की शुरुआत थी, लेकिन उन्होंने यहीं रुकने का नाम नहीं लिया. जल्द ही उन्होंने TCS Digital Capability Assessment (DCA) पास कर 7.4 LPA पैकेज के साथ डिजिटल रोल हासिल किया. 

तीन साल की मेहनत, लेकिन दिल में था कुछ और करने का जुनून

TCS में तीन सालों तक उन्होंने बेहतरीन प्रोजेक्ट्स पर काम किया. उन्हें कई पुरस्कार और सराहनाएं मिलीं, लेकिन उनके भीतर कुछ और बड़ा करने की ललक थी. वे जानते थे कि उनका लक्ष्य सिर्फ एक कॉर्पोरेट नौकरी नहीं, बल्कि एक मुकाम हासिल करना है. 

Success Story: बड़ी कंपनियों में एंट्री के रास्ते आसान नहीं थे

टीयर-3 कॉलेज से होने के कारण प्रतियोगी प्रोग्रामिंग और DSA जैसी स्किल्स की कमी उन्हें खलती थी.  जहां दूसरे उम्मीदवारों को पहले से कोडिंग का अनुभव था, वहीं सागर ने अपनी डेवलपमेंट स्किल्स और समस्या सुलझाने की क्षमता पर भरोसा किया. सागर ने LinkedIn, Wellfound और Glassdoor जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए 500 से ज्यादा कंपनियों में आवेदन किया, लेकिन कोई भी कॉल नहीं आया. इसके पीछे कई वजहें थीं, कठोर मार्केट, लंबा नोटिस पीरियड और कभी-कभी TCS टैग का नकारात्मक प्रभाव. 

ना हार मानी, ना रुके कदम

लगातार रिजेक्शंस के बावजूद सागर ने हार नहीं मानी. उन्होंने रणनीति बदली और खुद को बेहतर बनाने की ओर कदम बढ़ाया. LinkedIn पर उन्होंने टॉप कंपनियों के प्रोफेशनल्स से कनेक्ट कर रेफरल और मार्गदर्शन हासिल किया. साथ ही, Topmate जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने रिज्यूमे को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से रिव्यू कराया. TCS में काम करते हुए सागर ने DSA की तैयारी शुरू की. उन्होंने मॉक इंटरव्यू, शेड्यूल्ड अभ्यास और आत्ममूल्यांकन के जरिए खुद को मजबूत किया. 

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गूगल से आया पहला कॉल, लेकिन तैयारी अधूरी थी

नौ महीने पहले गूगल से एक रिक्रूटर का कॉल आया. स्क्रीनिंग राउंड मिला, लेकिन तैयारी अधूरी होने के कारण वह इसे पार नहीं कर पाए. यह एक झटका था, लेकिन उन्होंने इसे सीख के रूप में लिया.  असफलता से सीखते हुए उन्होंने अपनी तैयारी को अगले स्तर पर पहुंचाया. DSA में महारत और लगातार मॉक इंटरव्यू ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत किया. 

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दूसरा मौका, और इस बार पूरी तैयारी के साथ

दो महीने पहले, एक दोस्त ने गूगल में उन्हें दोबारा रेफर किया. इस बार सागर तैयार थे. उन्होंने स्क्रीनिंग राउंड पास किया. इसके बाद तीन कठिन इंटरव्यू राउंड्स को भी सफलता से पार किया. जिस युवक ने TCS Ninja से करियर शुरू किया था, वह अब गूगल में शामिल हो चुका था, 500 प्रतिशत की सैलरी हाइक के साथ. यह सिर्फ एक सफलता नहीं, बल्कि एक मिसाल बन गई. 

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