झारखंड के शिवम सिन्हा को इंग्लैंड में मिला सम्मान, रिसर्च के दम पर बढ़ाया देश का मान

Success Story: गोड्डा-देवघर के शिवम एन सिन्हा को यूनिवर्सिटी ऑफ एग्जीटर, इंग्लैंड में सम्मानित किया गया. उन्होंने संथाल जनजाति और बिहार की बाढ़ समस्या पर रिसर्च कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया.

By Pushpanjali | July 21, 2025 9:57 AM
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Success Story: जब किसी युवा का सपना सिर्फ अपनी उड़ान तक सीमित न होकर अपनी मिट्टी की खुशबू दुनिया तक पहुंचाने का हो — तब वह सिर्फ एक डिग्री नहीं, बल्कि पूरे राज्य का मान हासिल करता है. झारखंड के गोड्डा और देवघर जिलों से ताल्लुक रखने वाले शिवम एन सिन्हा ने यही कर दिखाया. इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एग्जीटर में उन्हें रिसर्च के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया. संघर्षों से आगे बढ़ते हुए शिवम ने यह साबित किया कि अगर सोच बड़ी हो और इरादा मजबूत, तो कोई सीमा, कोई देश, कोई बाधा रास्ता नहीं रोक सकती.

एग्जीटर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन रिसर्च की उपाधि प्राप्त

शिवम एन सिन्हा को इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एग्जीटर के ग्रेट हॉल में आयोजित दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया. उन्होंने वर्ष 2023 में क्रिटिकल ह्यूमन जियोग्राफी में मास्टर्स इन रिसर्च कोर्स में दाखिला लिया था, जिसे अप्रैल 2025 में सफलतापूर्वक पूरा किया.

9 रिसर्च पेपर, 1 प्रोजेक्ट और थीसिस से किया शानदार योगदान

शिवम ने अध्ययन काल के दौरान कुल 9 रिसर्च पेपर व चैप्टर, एक विस्तृत रिसर्च प्रोजेक्ट और एक थीसिस पूरी की. यह योगदान रिसर्च की दुनिया में उनकी गंभीरता और समर्पण को दर्शाता है.

संथाल जनजाति पर लिखा भावनात्मक रिसर्च चैप्टर

शिवम का एक रिसर्च चैप्टर खास तौर पर चर्चा में रहा, जिसका शीर्षक था:
“A Journey Through the Geography of Life, Culture, and Practice: My Experience with the Adivasi Tribes of Jharkhand, Especially the Santhals.”
इसमें उन्होंने संथाल जनजाति के जीवन, संस्कृति, और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को इंग्लैंड के शैक्षणिक मंच पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया.

गंगा नदी और बाढ़ पर थीसिस को मिली अंतरराष्ट्रीय सराहना

अपनी अंतिम रिसर्च थीसिस में उन्होंने बिहार के पटना क्षेत्र में गंगा नदी के आसपास बाढ़ और मानव अतिक्रमण के मुद्दों पर “Assessing Flood Impact and Human Encroachment in Patna, Bihar” शीर्षक से रिसर्च प्रस्तुत की. उनके समाधान-आधारित दृष्टिकोण की विश्वविद्यालय स्तर पर सराहना की गई.

परिवार और गांव में जश्न का माहौल, भारत लौटेंगे शिवम

शिवम ने यह उपलब्धि अपने माता-पिता – निरंजन कुमार सिन्हा और मधुमाला सिन्हा, बड़े भाई सुमित सिन्हा, तथा सभी शुभचिंतकों को समर्पित की. गोड्डा जिले के मेहरमा प्रखंड स्थित उनके गांव अमौर पंचायत में खुशी का माहौल है. फिलहाल वे इंग्लैंड में हैं और जल्द ही भारत लौटने वाले हैं.

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