Success Story: पिता बेचते थे कबाड़, बेटी पहुंच गई Microsoft, मिला लाखों का पैकेज

Success Story: हरियाणा की सिमरन ने गांव से निकलकर माइक्रोसॉफ्ट में 55 लाख की नौकरी पाई. कबाड़ बेचने वाले पिता की बेटी ने IIT क्रैक कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कंप्यूटर साइंस न होते हुए भी खुद से कोडिंग सीखी. माइक्रोसॉफ्ट की इंटर्नशिप में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया. अब वह लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं.

By Govind Jee | July 3, 2025 3:54 PM
an image

Success Story in Hindi: हरियाणा के हिसार जिले के बासलमंद गांव की रहने वाली सिमरन ने वह कर दिखाया है, जो कई लोग सिर्फ सपना देखते हैं. अब वह दुनिया की टॉप टेक कंपनियों में से एक, माइक्रोसॉफ्ट में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करेंगी और उन्हें सालाना 55 लाख रुपये का पैकेज मिला है. 

सिमरन के पिता, राजेश कुमार, गांव की गलियों में कबाड़ इकट्ठा कर बेचने का काम करते हैं.  चार बच्चों का पालन-पोषण करते हुए परिवार ने आर्थिक तंगी के दिन देखे, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ाने का सपना कभी नहीं छोड़ा.  सिमरन ने अपने पिता का यह सपना सच्चाई में बदल दिया. 

महज 17 की उम्र में क्रैक किया आईआईटी

सिमरन पढ़ाई में शुरू से ही तेज थीं. महज 17 साल की उम्र में उन्होंने पहली कोशिश में ही आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास कर ली और आईआईटी मंडी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया. यहां उन्होंने पूरी मेहनत से पढ़ाई की और अपने सपनों को पंख दिए. 

हालांकि कंप्यूटर साइंस की डिग्री न होने के कारण उन्हें टेक फील्ड में आगे बढ़ना आसान नहीं था. लेकिन सिमरन ने हार नहीं मानी. उन्होंने खुद से कोडिंग और कंप्यूटर साइंस के मूल सिद्धांत सीखे, और सिर्फ एक लक्ष्य तय किया, माइक्रोसॉफ्ट. 

पढ़ें: Bihar Success Story: जहां IIT-IIM वाले गए Google-Microsoft, वहीं बिहार के इस लाल ने अपनी माटी में किया कमाल

Success Story in Hindi: माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी मिली

सिमरन को माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में इंटर्नशिप का मौका मिला. यहां उन्होंने 300 इंटर्न्स में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया. उनके काम से प्रभावित होकर माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका के हेड ने खुद भारत आकर उन्हें सम्मानित किया. यह पल सिमरन के परिवार और गांव के लिए बहुत गौरव का क्षण था. गांव में मिठाइयां बंटी, ढोल-नगाड़े बजे और हर किसी की जुबां पर एक ही नाम था, सिमरन. 

सिमरन की कहानी यह साबित करती है कि सपने कितने भी बड़े क्यों न हों, उन्हें मेहनत और लगन से पूरा किया जा सकता है. एक गैर-कंप्यूटर साइंस बैकग्राउंड से आकर टेक दिग्गज में जगह बनाना आसान नहीं था, लेकिन सिमरन ने कर दिखाया. आज वह सिर्फ अपने परिवार या गांव के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़कियों के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं, जो यह सिखाती हैं कि शुरुआत कहीं से भी हो, मंजिल तक पहुंचा जा सकता है. 

पढ़ें: Success Story: पति बने IAS, पत्नी डेंटिस्ट से बनीं IPS, अब बिहार के इन जिलों की कमान संभाल रहे हैं दोनों

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Education News in Hindi: education news, career news, employment news, Job alerts news in Hindi at Prabhat Khabar

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version