Success Story: बचपन में पिता ने छोड़ दिया साथ, 800 रुपये प्रति माह की नौकरी कर मां ने पाला, अब UGC NET परीक्षा में बनी टॉपर
Success Story, UGC NET, Topper Story: हाल ही में यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा में बिहार के दरभंगा जिला की रहने वाली अनम जफर ऑल इंडिया टॉपर बनी हैं. उन्होंने all इंडिया रैंक-1 हासिल किया. आइये जानते हैं इनके सफर के बारे में...
By Paritosh Shahi | March 2, 2025 4:41 PM
Sucess Story, UGC NET, Topper Story: दरभंगा जिले के चंदनपट्टी गांव की रहने वाली में अनम जफर ने UGC-NET JRF परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल किया है. जैसे ही अनम की मां रेहाना खातून ने सुना कि उनकी बेटी ने पूरे देश में टॉप किया है तो खुशी से उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्हें अपने संघर्ष के दिन याद आ गये. क्योंकि अनम जब सिर्फ आठ साल की थी तो उनके पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया. परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा. इसके बाद रेहाना खातून ने बड़ी मुश्किलों से अनम को पाला पोसा और उनकी पढ़ाई-लिखाई कराई. अनम ने भी मां की मेहनत को बर्बाद नहीं होने दिया और खूब मेहनत से पढ़ाई की और आज बिहार ही नहीं समूचे देश में अपना नाम बनाया.
अपनों ने छोड़ दिया था साथ
अनम के पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया तो घर चलाने की जिम्मेदारी रेहाना खातून पर आ गई. अनम की मां ने एक प्राइवेट स्कूल में महज 800 रुपये महीने की तनख्वाह पर पढ़ाना शुरू किया. इतनी कम आमदनी एक आदमी के लिए भी बेहद कम थी और उन्हें तो पूरा परिवार चलाना था. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया. संघर्ष के दिनों में रेहाना खातून और अनम के परिवार के लोगों ने भी उनसे मुहं मोड़ लिया था. स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद उनकी मां ने अनम का दाखिला मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन, दरभंगा में बी.एड में कराया. पढ़ाई के क्रम में ही अनम की शादी जोहर अली नाम के युवक से हुई जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं.
45000 रुपये प्रति माह मिलेगी फेलोशिप
अनम जफर ने दिसम्बर 2024 में यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा दी. हाल ही में जब इसका रिजल्ट घोषित हुआ, तो उन्हें इस परीक्षा में 100 पर्सेंटाइल हासिल हुआ और उनका ऑल इंडिया रैंक 1 था. इस खबर से उनके दोस्तों के साथ ही पूरे विश्वविद्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई. एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर अनम जफर को सम्मानित किया गया. टॉपर बनने के अब उनको एक रिसर्च फेलो के रूप में 45,000 रुपये प्रति माह की फेलोशिप मिलेगी. अनम की सफलता उन लड़कियों के लिए एक संदेश है जो विपरीत परिस्थिति से डर जाती है और अपने सपनों को पाने से पीछे हटती हैं.