क्या है शुगरक्रीट (Sugarcrete)?
indiatoday.in की रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुगरक्रीट एक नई ईंट है जो गन्ने से रस निकालने के बाद बचने वाले बगास और खनिज पदार्थों को मिलाकर बनाई जाती है. यह ईंट सामान्य मिट्टी की ईंटों की तुलना में 6 गुना कम कार्बन उत्सर्जन करती है. इसे पहली बार 2023 में University of East London (UEL) के प्रोफेसरों Alan Chandler और Armor Gutierrez Rivas ने विकसित किया था.
Sugarcrete School की खासियत
- दीवारें: इंटरलॉकिंग Sugarcrete ईंटों से बनीं हैं, जो लाइम मोर्टार से जुड़ी हैं.
- छत: स्टील फ्रेम से बनी हुई है और ऊपर की तरफ प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन के लिए खिड़की दी गई है.
- वरांडा: बच्चों को बरसात में बचाने के लिए डिजाइन किया गया है.
बच्चों और पर्यावरण के लिए फायदेमंद (Sugarcrete School)
इस परियोजना में University of East London, Chemical Systems Technologies (CST) और पंचशील बालक इंटर कॉलेज (PBIC) की भागीदारी रही. इस स्कूल का उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण-संरक्षण नहीं बल्कि समाज में टिकाऊ विकास की भावना को बढ़ावा देना है. शुगरक्रीट एक नई सोच है जो ग्रामीण भारत के स्कूलों और भवनों की तस्वीर बदल सकती है.
देशभर में हो रहा विस्तार (Sugarcrete School)
अब हरियाणा के हिसार में भी ऐसा ही स्कूल बनाया जा रहा है, जिसमें 150 वंचित बच्चों के लिए शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट की सुविधा होगी. CCS हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ रिसर्च और ट्रेनिंग के लिए समझौता किया गया है. CST और UEL अब देशभर में शुगरक्रीट तकनीक को फैलाने की योजना बना रहे हैं.
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