जिद या जुनून…20 साल से नदी तैरकर पहुंचते हैं School, छात्रों से ‘प्यार’ की वजह जानकर रो देंगे आप!

Trending Story: केरल के अब्दुल मलिक पिछले 20 सालों से हर दिन नदी तैरकर स्कूल जाते हैं. वो न कभी लेट हुए और न ही छुट्टी ली. उनका ये जज्बा बच्चों को पढ़ाने और पर्यावरण को बचाने के लिए है. उनकी कहानी हर किसी को प्रेरणा देती है और आंखें नम कर देती है.

By Shubham | July 19, 2025 12:29 PM
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Trending Story of Kerala Teacher Abdul Malik: हमारी जिंदगी में कभी-कभी ऐसी कहानियां सुनने को मिलती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. कई बार इन कहानियों में हमें सच्चाई भी नजर नहीं आती लेकिन आज की कहानी जो बयां करेगी तो शायद आपकी आंखों में आंसू होंगे. आज के समय में भी क्या कोई इतना समर्पित हो सकता है? जो बच्चों को पढ़ाने के लिए रोजाना नदी पार करे. इसे जिद या जुनून ही कहा जा सकता है जो उनके समर्पण को दिखाता है. आइए जानते हैं इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में यहां विस्तार से.

Trending Story of Kerala Teacher: कहां से हुई शुरुआत?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के पदिनजट्टुमुरी गांव के गणित शिक्षक अब्दुल मलिक (Abdul Malik) की कहानी और उनके समर्पण की मिसाल सोशल मीडिया पर छाई हुई है. वह 20 वर्षों से रोजाना नदी में तैरकर स्कूल पहुंचते हैं. उनका यह जुनून, सिर्फ एक पेशे के लिए नहीं बल्कि शिक्षा और बच्चों के भविष्य के लिए है. 

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Trending Story: क्या है जाने की वजह?

एक इंटरव्यू में मलिक बताते हैं कि अगर वह बस से स्कूल जाएं तो उन्हें 12 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है और इसमें करीब 3 घंटे का समय लगता है. लेकिन जब वह नदी को तैरकर पार करते हैं तो उन्हें सिर्फ 15 से 30 मिनट का समय लगता है. इस तरह वह समय बचाकर छात्रों को समय पर पढ़ा पाते हैं.

Who is Teacher Abdul Malik : ट्यूब का क्या करते हैं?

जब अब्दुल मलिक नदी पार करते हैं, तो अपने कपड़े, किताबें, खाना और जूते प्लास्टिक बैग में पैक करके एक रबर ट्यूब पर रखते हैं, और उसी सहारे तैरते हैं. स्कूल पहुंचकर वह कपड़े बदल लेते हैं और क्लास शुरू कर देते हैं. छात्र उन्हें प्यार से “ट्यूब मास्टर” कहते हैं.

Trending Story: पढ़ाई के साथ-साथ पर्यावरण का पाठ

अब्दुल मलिक सिर्फ टीचर नहीं हैं, बल्कि एक पर्यावरण प्रेमी भी हैं. उन्होंने कडालुंडी नदी की सफाई के लिए एक अभियान शुरू किया है, जिसमें छात्र भी उनके साथ हिस्सा लेते हैं. केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में जब नदी के प्रदूषण की बात आई तो मलिक ने इसे गंभीरता से लिया और खुद पहल की.

तैराकी भी सिखाते हैं (Trending Story of Kerala Teacher)

कई बच्चों को तैरने से डर लगता है. मलिक इसे समझते हैं और 5वीं कक्षा से ऊपर के बच्चों को तैराकी की ट्रेनिंग भी देते हैं. उनका मानना है कि तैरना आना एक जरूरी जीवन कौशल है, जो बच्चों को संकट की स्थिति में मदद कर सकता है.

बच्चों के बीच ‘हीरो’ बन चुके हैं (Story of Abdul Malik)

अब्दुल मलिक बच्चों के बीच सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि रोल मॉडल हैं. उनकी मेहनत, समय की पाबंदी और प्रकृति से प्रेम ने उन्हें एक असली ‘हीरो’ बना दिया है. सोशल मीडिया पर जब उनकी कहानी सामने आई, तो लाखों लोग भावुक हो गए और उनकी तारीफ की.

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