UGC: यूजीसी के नए ड्राफ्ट का 6 गैर BJP राज्यों ने किया विरोध, जानें क्या हैं नए नियम
UGC: यूजीसी ने कुलपतियों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव किए हैं, जिसे कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल ने अस्वीकार कर दिया है. जानें क्या है वह नियम.
By Pushpanjali | February 6, 2025 6:10 PM
UGC: यूजीसी ने कुलपतियों की नियुक्ति के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके बाद देशभर में इस प्रस्ताव को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी बीच, देश के छह राज्यों ने एक प्रस्ताव पारित कर यूजीसी के इस नए मसौदे के नियमों को मानने से इनकार कर दिया है. ये सभी राज्य गैर-बीजेपी शासित हैं, जिनमें कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं. अब सवाल यह है कि वह यूजीसी का कौन सा प्रस्ताव है, जिसे इन छह राज्यों ने खारिज कर दिया है.
UGC extends the last date to submit feedback on the draft UGC Regulations 2025 to February 28. pic.twitter.com/8zJbLY3QiG
यूजीसी के नए नियमों के तहत अब कुलपति के पद के लिए दस साल का टीचिंग अनुभव अनिवार्य नहीं होगा. इसके बजाय, टीचिंग के अलावा रिसर्च, बिजनेस और लोक प्रशासन जैसे क्षेत्रों में भी दस साल का अनुभव रखने वाले व्यक्ति इस पद के लिए योग्य माने जाएंगे. इसके अलावा, कुलपति की उम्र को लेकर भी बदलाव किया गया है. अब कुलपति की नियुक्ति 70 साल की उम्र तक ही की जाएगी. नए मसौदे के अनुसार, किसी भी कुलपति का एक संस्थान में अधिकतम दो कार्यकाल ही हो सकता है, जो पांच-पांच साल का होगा. ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि यदि किसी संस्थान में कुलपति की तैनाती नहीं होती, तो उसे शून्य घोषित माना जाएगा.
बिना NET के पीएचडी वाले भी अब बन सकेंगे प्रोफेसर
यूजीसी के ड्राफ्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के नियमों में बदलाव किया गया है. इसके तहत अब यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षा संस्थानों में नेट और पीएचडी के बिना भी उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे. इसके लिए एमई, एमटेक जैसी डिग्री वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे. यूजीसी ने इस ड्राफ्ट पर सुझाव भी मांगे थे. वहीं, गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने यूजीसी के इस नए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.