UPSC परीक्षा में बिहारी कैसे मारते हैं बाजी? खुद ही बता रहे हैं अपनी सफलता का राज…

Upsc Result: बिहार के करीब डेढ दर्जन छात्रों ने इसबार भी यूपीएससी की परीक्षा में बाजी मार ली है. बिहार के तीन छात्र-छात्राएं टॉप 20 लिस्ट में भी शामिल हैं. जानिए किस तरह ये सफलता हासिल किए.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 23, 2025 10:44 AM
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UPSC Result 2025 में बिहार के डेढ दर्जन छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी है. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है. बिहार से UPSC परीक्षा पास करने वालों की संख्या हमेसा अच्छी-खासी रहती है. बिहार के छात्र यूपीएससी परीक्षा में टॉप (upsc topper from bihar) भी करते रहे हैं. इसबार टॉप 20 में तीन जगहों पर बिहार का कब्जा है. बिहार के युवा इस कठिन परीक्षा को किस तरह आसानी से पास कर लेते हैं, उनकी सफलता का राज क्या है, उन्होंने खुद बताया है.

यूपीएससी की बात हो और भला चर्चे में बिहार ना रहे

देशभर में यह चर्चा होती रही है कि UPSC में बिहार के छात्र अपना जलवा बिखेरते हैं. हंसी-मजाक में एक लाइन फेमस है- ये बिहार है भैया, यहां दिल टूटता है तो सीधे यूपीएससी निकाल लेते हैं. दरअसल, बिहार का रिकॉर्ड भी यूपीएससी में बेहतर रहा है. इसलिए जब यूपीएससी का रिजल्ट जारी होता है तो बिहार से कितने छात्र सफल हुए, इसकी जानकारी जरूर लोग लेते हैं.

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एकाग्र होकर लक्ष्य पर साधा निशाना

ऑल इंडिया 17 रैंक लाने वाली संस्कृति त्रिवेदी बिहार के जमुई की हैं. संस्कृति ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया और वैसी चीजों से दूरी बना ली थी जो उनका ध्यान दूसरी ओर भटका दे. संस्कृति ने जो रूटीन तय किया था उसपर बिना किसी समझौते के रोज रणनीति के तहत पढ़ाई करती थी. जिसने सफल होने में सहायता की.

अफसर बनकर भी सपने से नहीं करते समझौता

जमुई के पारस कुमार शिक्षा विभा में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी हैं. बीपीएससी से अधिकारी बनने के बाद भी उन्होंने अपने सपने का पीछा करना नहीं छोड़ा. चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने बाजी मार ली. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहली बार उन्होंने 2019 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी. प्री भी पास नहीं कर सके थे. उसके बाद 2020 में मेंस तक गए. फिर 2 साल गैप लिया. तैयारी करते रहे और 2023 में इंटरव्यू तक पहुंच गए. उसके बाद भी हिम्मत नहीं हारे और इसबार पास कर गए. पारस ने कहा कि अपनी ताकत पहचानकर अगर आप तैयारी में खुद को झोंक दें तो सफलता मिलती ही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में काम करने के साथ तैयारी में मुश्किलें आती रहीं लेकिन अपने काम से समय निकालकर वो इसमें लगे रहे. जरूरत पड़ती तो छुट्टी लेकर तैयारी और पढ़ाई करते थे.

जापान से आए, डीएसपी बने, लेकिन लक्ष्य कुछ और था…

सफलता समर्पण मांगती है. यही समर्पण किया पूर्णिया के रहने वाले अमित कुमार ने. जो भागलपुर में अभी डीएसपी के पद पर हैं. उनका सपना यूपीएससी पास करके अधिकारी बनना था. वो इस सपने को सच करने में लगे रहे. पांचवे प्रयास में उन्हें कामयाबी मिल गयी. IIT दिल्ली से बीटेक करने वाले अमित जापान में भी रहकर जॉब कर चुके हैं. लेकिन IAS बनने के क्रेज ने उन्हें वापस घर लौटाया. यहां BPSC पास करके डीएसपी बने. भागलपुर में डीएसपी रहते उन्होंने सेल्फ स्टडी से ये कामयाबी हासिल कर ली.

विपरीत हालात में भी नहीं छोड़ते प्रयास

यूपीएससी का जब इंटरव्यू देने की बारी आयी तो सप्ताह भर पहले ही अमित के पिता का निधन हो गया था. वो टूटे जरूर लेकिन सपने को साकार करने में हालात से समझौता नहीं किया. अब यूपीएससी की परीक्षा वो पास कर चुके हैं.

लंदन से नौकरी छोड़कर आए, अब बनेंगे अधिकारी

पूर्णिया के सुमित लंदन के लॉ फर्म में मोटे पैकेज पर नौकरी कर रहे थे. यूपीएससी के क्रेज ने खींचकर भारत लाया और 200 वां रैंक लाकर वो सफल हुए. पिता रेडिमेड कपड़े की दुकान चलाते हैं. नौकरी छोड़कर तैयारी करने में सुमित ने कोई हिचक नहीं दिखायी और सपने को हासिल करके माने.

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