UPSC Success Story: कम उम्र में मां को खोया, फिर भी नहीं मानी हार , ASI की बेटी ऐसी में बनीं आईएएस

UPSC Success Story:कम उम्र में मां को खोया, लेकिन हार नहीं मानी. कठिन परिश्रम और सही रणनीति के तहत रूपल राणा बनीं IAS अधिकारी. इस खबर में जानिए रूपल राणा की सफलता की कहानी.

By Kashaf Ara | March 24, 2025 3:10 PM
an image

UPSC Success Story:हर साल लाखों लोग यूपीएससी परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं ताकि वे अपना भविष्य बेहतर बना सकें, लेकिन यूपीएससी जैसी परीक्षाएं पास करना बेहद मुश्किल होता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को कई संघर्षों से गुजरना पड़ता है, तब जाकर वे इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं. ऐसी ही एक कहानी है रूपल राणा की, जिन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए कई संघर्षों का सामना किया और अंततः यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की.

कैसी रही रूपल राणा की प्रारंभिक शिक्षा

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से ताल्लुक रखने वाली रूपल राणा ने अपनी स्कूली शिक्षा बागपत के जेपी पब्लिक स्कूल से शुरू की, जहां उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 10वीं की पढ़ाई अच्छे सीजीपीए के साथ पूरी की. इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पिलानी के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से की. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की, जहां उत्कृष्ट प्रदर्शन के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें विश्वविद्यालय टॉपर का खिताब दिलाया.

कम उम्र में मां को खोया

एक बच्चे के लिए मां का सहारा कितना जरूरी होता है, यह वही बच्चा समझ सकता है, जिसके सिर से मां का साया उठ जाता है. रूपल राणा ने भी बेहद कम उम्र में अपनी मां को खो दिया, जिससे वह पूरी तरह टूट गईं, लेकिन हार न मानने की वजह उनके भाई-बहन बने, जिन्होंने उनकी मां के गुजरने के बाद उनका पूरा साथ दिया और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. उनके पिता, जसवीर राणा, दिल्ली में सहायक पुलिस उप निरीक्षक (ASI) थे.

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

रूपल राणा की सफलता की कहानी आसान नहीं थी. उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा. आपको बता दें कि रूपल राणा को दो बार यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. सही रणनीति और कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया. रूपल राणा की यह कहानी लाखों लोगों को प्रेरित करती है और यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बन गई है.

ALSO READ:Success Story: हाथ नहीं पर हिम्मत का था साथ, पैरों से ‘तकदीर’ लिखने वाली अंकिता ने ऐसे हासिल की NET JRF में AIR-2

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Education News in Hindi: education news, career news, employment news, Job alerts news in Hindi at Prabhat Khabar

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version