UPSC Success Story: छोटी उम्र में उठाया पिता के जाने का दुख
शिवानी की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि संघर्ष की भी है. जब वह सिर्फ 4 साल की थीं, तब एक सड़क हादसे में उनके पिता दिलबाग सिंह का निधन हो गया. इसके बाद मां सविता देवी, जो आंगनवाड़ी वर्कर हैं, ने अकेले दम पर बच्चों की परवरिश की. शिवानी के चाचा नरेश कुमार हरियाणा पुलिस में हैं, उन्होंने भी पढ़ाई में भरपूर सहयोग किया.
Shivani Panchal UPSC Topper: बिना कोचिंग पास की दोनों परीक्षाएं
शिवानी ने हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा बिना कोचिंग के पास की. अब UPSC में भी बिना कोचिंग के 53वां स्थान पाकर सबको चौंका दिया. फिलहाल वह गुड़गांव में प्रशिक्षण ले रही हैं और झज्जर के डीसी के साथ अटैच हैं. HCS की ट्रेनिंग पूरी भी नहीं हुई थी कि UPSC का रिजल्ट आ गया.
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कोचिंग नहीं, बस मेहनत से मिली सफलता
शिवानी ने बड़े कोचिंग संस्थानों का सहारा नहीं लिया. न ही दिल्ली गईं, और न ही ढेर सारी किताबें पढ़ीं. उन्होंने साधारण तरीका अपनाया, सीमित संसाधनों से लगातार मेहनत और रिवीजन किया. उन्होंने जरूरी किताबों पर ध्यान दिया और पुराने प्रश्न पत्रों से मदद ली. समाजशास्त्र उनका वैकल्पिक विषय था, केवल इसलिए नहीं कि यह एक स्कोरिंग विषय था, बल्कि इसलिए क्योंकि इसने उन्हें उस समाज की समझ विकसित करने में मदद की, जिसे वह सेवा देना चाहती थीं. (UPSC Rank 53 Shivani Panchal in Hindi)
मां की आंखों में आंसू, लेकिन खुशी के
शिवानी की मां सविता देवी ने बताया कि जब उनके पति का निधन हुआ था, तो जिंदगी जैसे थम सी गई थी. लेकिन आज बेटी ने ऐसा नाम किया है कि खुशी से आंखों में आंसू आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि शिवानी ने न सिर्फ अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि पूरे गांव का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. शिवानी का छोटा भाई BAMS की पढ़ाई कर रहा है. मां-बेटी की मेहनत और संघर्ष की कहानी आज गांव की हर बेटी के लिए मिसाल बन गई है.
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