भारत के चार स्कूलों को मिली जगह
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के चार स्कूल, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के, इस पुरस्कार की अलग-अलग श्रेणियों में चयनित हुए हैं. ये स्कूल ‘बेस्ट स्कूल टू वर्क’ प्रोग्राम के लिए भी नामांकित हैं, जो स्कूलों को बेहतर शिक्षक जोड़ने और उन्हें बनाए रखने में मदद करता है.
अक्टूबर में घोषित होंगे विजेता
पुरस्कार की पांच श्रेणियों में विजेताओं की घोषणा अक्टूबर 2025 में की जाएगी. इन श्रेणियों में कम्युनिटी कोलैबोरेशन, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, विषम परिस्थितियों से उबरना और स्वस्थ जीवन का समर्थन शामिल हैं. हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल धंडा ने फरीदाबाद स्कूल की इस उपलब्धि को “प्रेरणादायक” बताया और कहा कि यह राज्य के शिक्षा तंत्र के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि सरकारी स्कूल भी वैश्विक मंच पर चमक सकते हैं.” मंत्री ने उम्मीद जताई कि यह उपलब्धि राज्य के अन्य स्कूलों को नवाचार, स्मार्ट क्लासरूम, STEM लैब और छात्र कल्याण के लिए प्रेरित करेगी.
‘स्वस्थ जीवन का समर्थन’ श्रेणी में मिला स्थान
फरीदाबाद के इस स्कूल को ‘सपोर्टिंग हेल्दी लाइव्स’ श्रेणी में फाइनलिस्ट चुना गया है. स्कूल ने लड़कियों के पोषण, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को पढ़ाई के साथ जोड़कर कई जिंदगियों को बदला है. यह पहल सामाजिक बाधाएं तोड़ते हुए यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी लड़की पीछे न छूटे.
World Best School Prize: ‘कम्युनिटी चॉइस अवॉर्ड’ के लिए खुला वोटिंग
चुने गए सभी 50 स्कूलों को एक और अवसर मिला है, कम्युनिटी चॉइस अवॉर्ड, जिसे सार्वजनिक वोटिंग से तय किया जाएगा. वोटिंग प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू हो चुकी है. विजेता स्कूलों को 15-16 नवंबर को अबू धाबी में आयोजित होने वाले वर्ल्ड स्कूल्स समिट में बुलाया जाएगा, जहां वे वैश्विक शिक्षा नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ अपने अनुभव और नवाचार साझा करेंगे.
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