Bhojpuri Sawan Song : रिलीज होते ही धूम मचा रहा अक्षरा सिंह का कांवड़ गीत ‘कैलाशी’, वायरल VIDEO
Bhojpuri sawan song, Akshara Singh song kailashi : सावन के इस पवित्र महीने में भक्त महादेव की पूजा करने में मग्न है. चारों तरफ बाबा भोलेनाथ (Lord Shiva) के गीत सुनाई दे रहे है. सावन के इस पावन मौके पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर अक्षरा सिंह (Akshara Singh) ने अपना पहला कांवड़ गीत 'कैलाशी' रिलीज कर चुकी है. अब तक इस गाने को 571,730 व्यूज मिल चुके है और हर मिनट इसके व्यूज बढ़ते जा रहे है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2020 12:55 PM
Bhojpuri sawan song, Akshara Singh song kailashi : सावन के इस पवित्र महीने में भक्त महादेव की पूजा करने में मग्न है. चारों तरफ बाबा भोलेनाथ (Lord Shiva) के गीत सुनाई दे रहे है. सावन के इस पावन मौके पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर अक्षरा सिंह (Akshara Singh) ने अपना पहला कांवड़ गीत ‘कैलाशी’ रिलीज कर चुकी है. अब तक इस गाने को 571,730 व्यूज मिल चुके है और हर मिनट इसके व्यूज बढ़ते जा रहे है.
अक्षरा सिंह का ये भोजपुरी कांवड़ गीत ‘कैलाशी’ उनके अपने यूट्यूब अक्षरा सिंह ऑफिशियल पर रिलीज हुआ है. इस गाने को खुद अक्षरा ने गाया है और इस गीत के गीतकार मनोज मतलबी हैं. संगीत अविनाश झा घुंघुरू ने दिया है और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर ये गाना शिव भक्तों को खूब पसन्द आ रहा है.
इससे पहले अक्षरा सिंह ने अपना नया गाना रिलीज किया था. गाने के बोल है ‘ईधर आने का नहीं’ अब तक इस गाने पर 9 करोड़ से ज्यादा व्यूज आ चुके है. अक्षरा सिंह ने अपना नया गाना ईधर आने का नहीं’ को अपने ऑफिसियल यूट्यूब चैनल से रिलीज किया था. इस गाने का लिरिक्स विकास वर्मा ने तैयार किया है और संगीत भी विकास वर्मा का ही है.
हाल ही में भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने एक वीडियो साझा कर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में कई खुलासे किए थे. उनका कहना है कि यहां गुटबाजी चलती है. अक्षरा ने इस वीडियो में कहा था कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गुटबाजी बहुत ज्यादा है. इसका शिकार हर कोई होता है एक नया कलाकार से लेकर एक छोटा सा आर्टिस्ट. अभिनेत्री ने खुलासा कि वह गुटबाजी की सबसे ज्यादा शिकार हुई हैं.
इस दौरान एक्ट्रेस ने बताया था कि, मैं अंदर से परेशान हो गई थी. फिर एक वक्त ऐसा आया कि मैं आत्महत्या करने की स्थिति में आ गई थी. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कैसे जिउंगी. इनलोगों ने गुटाबजी करके मुझे ऐसे हालत में पहुंचा दिया था. कोई पूछने नहीं आया कि आप कैसे जी रहे हो. जब आप जिंदा होते हो तो कोई आपको पूछता नहीं हैं और जब आप ये दुनिया छोड़ जाते हो तो सब कैंडल मार्च करने निकल जाते हैं. पूरी दुनिया आपके सपोर्ट में खड़ी हो जाती है. क्या ये इंसानियत है ?