Cremation, Hindu Funeral: शव यात्रा में क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’, जानें इसका गहरा रहस्य

Cremation, Hindu Funeral: शव यात्रा के दौरान “राम नाम सत्य है” कहना एक साधारण परंपरा नहीं, बल्कि गहरे आध्यात्मिक और दार्शनिक अर्थों से जुड़ी परंपरा है. यह न केवल मृत्यु की सच्चाई को स्वीकार करने का प्रतीक है, बल्कि भगवान राम के नाम में विश्वास और मोक्ष की कामना का भी संदेश देता है.

By Shaurya Punj | August 5, 2025 12:35 PM
an image

Cremation, Hindu Funeral: शव यात्रा में “राम नाम सत्य है” का उद्घोष हर किसी ने सुना है. यह वाक्य सिर्फ एक धार्मिक नारा नहीं, बल्कि जीवन और मृत्यु के शाश्वत सत्य का स्मरण है. इसे शव यात्रा के दौरान बार-बार दोहराया जाता है ताकि लोग यह समझ सकें कि यह संसार अस्थायी है और केवल राम का नाम (ईश्वर का नाम) ही शाश्वत है.

‘राम नाम’ का महत्व

हिंदू धर्म में “राम” को मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्म और सत्य का प्रतीक माना गया है. माना जाता है कि राम का नाम लेने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. जैसे ही कोई व्यक्ति इस दुनिया से विदा लेता है, उसके अंतिम संस्कार के दौरान यह उद्घोष यह दर्शाता है कि अब उसका शरीर नश्वर संसार से मुक्त होकर ईश्वर की ओर जा रहा है.

‘सत्य है’ का अर्थ

यह याद दिलाना कि जीवन क्षणिक है और अंततः सबको मृत्यु का वरण करना है. इस संसार में केवल “सत्य” – यानी ईश्वर का नाम, और अच्छे कर्म ही शेष रहते हैं.

शव यात्रा में इसका प्रयोग क्यों?

यह वाक्य सिर्फ दिवंगत व्यक्ति की आत्मा के लिए नहीं होता, बल्कि साथ चल रहे जीवित लोगों के लिए एक चेतावनी और सीख भी होता है — कि यह जीवन अनिश्चित है और हमें हर पल धर्म, करुणा और सच्चाई के साथ जीना चाहिए.

दर्शन और मनोविज्ञान

“राम नाम सत्य है” सुनकर लोगों में मृत्यु के प्रति भय नहीं, बल्कि स्वीकार्यता आती है. यह सामाजिक रूप से भी लोगों को मृत्यु के सत्य से जोड़ने वाला माध्यम बन चुका है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version