आरा. पूरे जिले में सतुआन का पर्व परंपरागत ढंग से आशा और विश्वास के साथ मनाया गया. अहले सुबह ही लोग परंपरा के अनुसार आस्था की डुबकी लगाने के लिए गंगा घाटों सहित अन्य पवित्र नदियों, सरोवरों, तालाबों पर पहुंचने लगे थे. मानों इन घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. सुबह से ही पैदल व वाहनों से जत्था के जत्था महिलाएं गीत गाती गंगा स्नान के लिए जाते दिखाई दे रही थीं. इस दिन गंगा व अन्य पवित्र नदियों, तालाब, सरोवर में स्नान विशेष फलदायी माना जाता है. स्नान के लिए गंगा घाटों पर जमावड़ा लग गया. मेष संक्रांति के मौके पर मनाये जाने वाले इस त्योहार को सतुआ संक्रांति भी कहा जाता है. सृष्टि में ऊर्जा के स्रोत भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन के अवसर पर यह पर्व मनाया जाता है. इस अवसर पर स्नानार्थियों ने श्रद्धा के साथ गंगा में डुबकी लगायी तथा पूजा-अर्चना के उपरांत सत्तू, गुड़, कच्चा आम व जल भरे मिट्टी के घड़े, पंखे आदि दान किये. सतुआन के साथ ही गर्मी की शुरुआत होती है. इस दिन से खरमास समाप्त हो जाता है.
संबंधित खबर
और खबरें