
धान की खेती करने में किसानों को नहीं होगी सिंचाई की परेशानी औरंगाबाद/कुटुंबा. पलामू जिले के मोहम्मदगंज स्थित भीम बराज से उत्तर कोयल मुख्य नहर में गुरुवार को 271 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. यह पानी टेस्टिंग के उद्देश्य से छोड़ा गया है. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनीत प्रकाश ने बताया कि इस बार कोयल नदी के ऊपरी क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश के कारण बराज में पर्याप्त जल भंडारण हो गया है. खरीफ फसल के लिए सिंचाई की कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि बराज का पौंड लेवल 2.3 मीटर मेंटेन करने के बाद अतिरिक्त 6500 क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम की ओर बहाया जा रहा है. नहर के जीरो आरडी से लेकर अंतिम छोर तक बेड और तटबंधों की टेस्टिंग की जा रही है. यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो जल्द ही नहर का नियमित संचालन शुरू कर दिया जायेगा.
लिकेज रोकने को जरूरी है टेस्टिंग
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के अनुसार, नहर के संचालन से पहले इसकी तकनीकी जांच आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की लीकेज या टूट-फूट की समय रहते मरम्मत कराई जा सके. उन्होंने किसानों से धैर्य रखने की अपील करते हुए भरोसा दिलाया कि धान की खेती के लिए पानी की कोई कमी नहीं होगी. इधर, विभागीय लापरवाही के कारण भीम बराज की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. बराज के 40 गेटों में से 19 और 36 नंबर गेट वर्षों से खराब हैं, जबकि अन्य गेटों में जंग लग चुका है. अधिकांश गेटों की रबर सीलें भी क्षतिग्रस्त हैं. इस बार भी मेदिनीनगर डिवीजन के अधिकारी बराज की मरम्मत को लेकर उदासीन रहे, जिससे इसकी कार्यक्षमता पर सवाल उठने लगे हैं.
नवीनगर में नहीं लग सका सीआर गेट
नवीनगर डिवीजन क्षेत्र में वाप्कोस कंपनी द्वारा मेन कैनाल के 107 और 124 आरडी के पास स्थित संरचनाओं की रिमॉडलिंग के दौरान पुराने सीआर गेट हटा दिये गये हैं. लेकिन अब तक वहां नये गेट नहीं लगाये जा सके हैं. इसके कारण नवीनगर प्रखंड के नाउर और रिउर वितरणी नहरों का संचालन असंभव प्रतीत हो रहा है. हालांकि अभी खेतों में धान की रोपाई शुरू नहीं हुई है. किसान फिलहाल बिचड़ा गिराने के कार्य में जुटे हैं. इसलिए फिलहाल पानी की आपूर्ति को लेकर संकट की स्थिति नहीं है.
क्या बोले चीफ इंजीनियर
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि 30 जून तक मेन कैनाल के 107 और 124 आरडी के पास नये सीआर गेट लगा दिये जायेंगे. इसके लिए वाप्कोस कंपनी को निर्देश दिया गया है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे नहर प्रणाली में अनावश्यक छेड़छाड़ से बचें. विभाग उनकी सिंचाई की आवश्यकता को लेकर पूरी तरह प्रयासरत है.
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