
औरंगाबाद/मदनपुर. नक्सलग्रस्त गांवों को जोड़ने वाले तरी गांव से लंगूराही-पचरुखिया को जाने वाली सड़क में झरही नदी पर बना काउजवे का पहुंच पथ पानी की तेज धार में बह गया. इसके बाद से इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है. लंगूराही कैंप के सुरक्षा कर्मियों के साथ ही कई गांवों के लोगों का संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से कट गया है. लंगूराही व पचरुखिया स्थित सीआरपीएफ कैंप में रह रहे सुरक्षा कर्मियों को संपर्क स्थापित करने के साथ-साथ जरूरत के सामानों को पहुंचाना मुश्किल हो गया है. प्रखंड मुख्यालय से लगभग लगभग 17 किलोमीटर दक्षिण जंगल में रहकर जवान ड्यूटी करते हैं. दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाले सामानों को लाने के लिए उन्हें मदनपुर बाजार जाना पड़ता है. काउजवे के एक किनारे का पहुंच पथ ध्वस्त हो जाने से सामान लाना ले जाना मुश्किल हो गया है. तरी से ऊपर कच्ची सड़क का निर्माण कराया गया है. लेकिन, बारिश होने से सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. गाड़ियों के आवागमन बाधित है. यहां तक की खाना बनाने के लिए गैस सिलिंडर भी माथे पर रखकर पानी भरे नदी के रास्ते पार करना पड़ रहा है. जानकारी मिली कि 2022-23 में जगह-जगह पर पुल का निर्माण कराया गया था. ताकि, लोगों के आवागमन में परेशानी न हो. कच्ची सड़क से लोग लंगूराही-पचरुखिया होते हुए सागरपुर, ढकपहरी, बरहा, छकरबंधा से लेकर मैगरा डुमरिया तक आते-जाते है. पुल टूटने व सड़क में गड्ढ़े होने से से आवागमन बाधित हो गया है.
क्या कहते हैं लोग
फोटो नंबर-101- शिवनंदन सिंह
ग्रामीण शिवनंदन सिंह ने बताया कि इस बार बारिश होने से काउजवे का उतरी हिस्सा पानी में बह जाने से लोगों को आना-जाना मुश्किल हो गया है. वे लोग जानवर लेकर जंगल में नदी से होकर गुजरते है. अगर पानी ज्यादा हो जाती है, तो पार करना मुश्किल हो जाता है.102- रघुनंदन सिंह
रघुनंदन सिंह ने बताया कि जब काउजवे का निर्माण हुआ था, तो ग्रामीण बहुत खुश थे. जंगल से सूखी लकड़ियों को लाने में सुविधा होती थी. लेकिन, अब उनके लिए आफत की घड़ी आ गयी है. वे लोग जरूरी काम के लिए नदी के बीच से पैदल जाने को मजबूर है.103-कपिल भोक्ता
ग्रामीण कपिल भोक्ता ने बताया कि तरी कैंप से थोड़ी दूरी पर मड़वा दह जगह है, जो बेहद ही आकर्षक है. बारिश वहां पर झरना बहता है. लोग दूर दूर से पिकनिक मनाने व स्नान करने गाड़ी से आते थे. लेकिन, काउजवे का पहुंच पथ ध्वस्त होने से आवागमन बाधित है.104- दिलीप सिंह भोक्ता
दिलीप सिंह भोक्ता ने बताया कि झरही नदी जिसे वे लोग तरी नदी भी बोलते है. उस पर काउजवे नीचे की ओर बनाया गया है. बारिश मे नदी में पानी की धार तेजी से बहता है. ऐसे में मिट्टी के कटाव से पुल का एक हिस्सा टूटकर बह गया है. उनका परिवार लंगूराही में रहता है.105- संजय सिंह भोक्ता
संजय सिंह भोक्ता ने बताया कि काउजवे का पहुंच पथ टूटने से बेहद ही खतरनाक हो गया है. पुल के ऊपर ढलान होने से टूटा हुआ हिस्सा नजर नही आता है. ऐसे में अंजान लोगों के लिए मुश्किल है. किसी भी समय अनहोनी हो सकती है. इसका जल्द निर्माण कराया जाये.106-रामबृक्ष सिंह भोक्ता
रामबृक्ष सिंह भोक्ता ने कहा कि गांव एवं आस पास के बच्चे जानवर चराने या घूमने पहाड़ की तरफ जाते है. काउजवे टूटने से नदी पार करते है. तेज बहाव के कारण बच्चों को डूबने की आशंका बनी हुई है. इसे पिलर की ऊंचाई पर पुल का निर्माण कराया जाये.क्या कहते है बीडीओ
प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अवतुल्य कुमार आर्य ने बताया कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. पुल का निर्माण किस विभाग से हुआ है इसकी जांच की जा रही है. वरीय अधिकारियों को सूचना देकर काउजवे का निर्माण कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है