साहेबपुरकमाल प्रखंड क्षेत्र के मल्हीपुर श्मशान घाट पर हुआ
दाह संस्कार के अंत में बिजली सदा विधि-विधान के अनुसार चिता के राख और अवशेष को बांस के सहारे गंगा नदी में प्रवाहित कर रहे थे. जब वे चिता के अवशेष को नदी की धारा में प्रवाहित करने के लिए नदी में प्रवेश किये तो नदी के गहराई का अंदाजा नहीं रहने के कारण अत्यधिक गहरा पानी में चले गये और असंतुलित होकर डूब गये. उसे डूबते देख श्मशान घाट पर मौजूद लोगों ने नदी में छलांग लगाकर उसे ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिये. परंतु अत्यधिक गहरा पानी रहने के कारण सफलता नहीं मिल सकी.
पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा
घटना की सूचना सीओ को दी गयी, तब सीओ संतोष कुमार ने स्थानीय गोताखोर अजीत कुमार, हितेश कुमार, निराला कुमार और भवेश कुमार की टीम को शव की खोजबीन के लिए भेज दिया. लेकिन गोताखोर को नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे भी कुछ नहीं कर सके. मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू किया तो गोताखोर को नाव की व्यवस्था करायी गयी. नाव की व्यवस्था होते ही गोताखोरों ने शव की खोजबीन शुरू की और काफी मशक्कत के बाद शव को बरामद कर लिया. मौके पर पहुंची थाना की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया.
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