
बीहट. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सर्वमंगला आश्रम में गुरु पूजन और दर्शन के लिये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने उनका दर्शन व पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया.वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनसे दीक्षा ग्रहण किया. इस अवसर पर स्वामी चिदात्मनजी महाराज ने कहा कि गुरू वंदना और गुरू महिमा का गुणगान अनादिकाल से होता आया है. मिथिलावासी गुरू को शिव के समकक्ष और उन्हीं की प्रतिमूर्ति मानते आये हैं. गुरू से बिना दीक्षा लिये व्यक्ति का जीवन ही निरर्थक और अपूर्ण माना गया है. उसके द्वारा निष्पादित जप-तप-ध्यान आदि धार्मिक अनुष्ठान भी निरर्थक माने जाते हैं. यहां के लोग चरणोदक पाकर अपने को धन्य समझते हैं. गुरू अपने दिव्य मार्ग दर्शन और दीक्षा द्वारा शिष्य के मानस पटल पर वह अलौकिक प्रकाश भर देते हैं, जिससे उसे दिव्य ज्ञान की अनुभूति होने लगती है.वह परम तत्व को पहचानने में पूर्णतः सक्षम हो जाता है.जिस प्रकार पारस के सम्पर्क में आकर कोई भी धातु स्वर्ण में परिणत हो जाता है. ठीक उसी प्रकार गुरू के सान्निध्य में शिष्य का जीवन भी अलौकिक ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित हो जाता है. उन्होनें कहा सच्चा गुरू ही गोविन्द से साक्षात्कार कराने का सामर्थ्य रखता है.हमें दिशा देकर जीवन का सारा भार स्वयं ग्रहण कर हमारे संरक्षक बन जाते हैं. समस्त संसार अपने कल्याण के लिये सच्चे मन से गुरू के शरणागत हों,तभी संसार का कल्याण होगा.इस अवसर पर सिद्धाश्रम में महाप्रसाद की व्यवस्था की गयी थी, जिसमें हजारों लोगों ने स्नान-ध्यान और गुरू पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए. इस अवसर पर सिद्धाश्रम के व्यवस्थापक रविंद्र ब्रह्मचारी, दिनेश सिंह, नवीन सिंह, सुशील चौधरी, सुधीर चौधरी, मीडिया प्रभारी नीलमणि हरिनाथ मिश्र, मधुसूदन मिश्र, जयप्रकाश गुप्ता, हरेराम सिंह, कौशल सिंह, अमर सिंह, रितेश कुमार, संतोष कुमार, रजनीश कुमार, तरुण कुमार, श्याम झा, राम झा, लक्ष्मण झा, राजनंदन पाठक, रत्नेश पाठक सहित अन्य मौजूद थे.
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