भाजपा को नहीं रोका गया, तो फिर आयेगा उत्पीड़न का दौर : डाॅ लक्ष्मण यादव

जब दलित-पिछड़े अपने हक़-अधिकार के लिए खड़े हुए और जब उन्होंने बोलना शुरू किया और उनके भाषा में जवाब देना शुरू किया तब सामंती ताकतों ने बिहार में जंगलराज कहना शुरू कर दिया.

By MANISH KUMAR | June 15, 2025 9:48 PM
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बेगूसराय. जब दलित-पिछड़े अपने हक़-अधिकार के लिए खड़े हुए और जब उन्होंने बोलना शुरू किया और उनके भाषा में जवाब देना शुरू किया तब सामंती ताकतों ने बिहार में जंगलराज कहना शुरू कर दिया. उक्त बाते बहुजन चिंतक और लेखक डॉ. लक्ष्मण यादव ने शहर के कंकौल स्थित आर्ट गैलरी में आयोजित बहुजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही. डाॅ लक्ष्मण यादव ने कहा कि बिहार की जनता खासकर पुराने लोग जानते हैं कि 90 के दशक में जो बथानी टोला, मियांपुर, लक्ष्मणपुर बाथे, शंकरबिगहा जैसे नरसंहार हुए वो किसने किए किस वर्ग के लोगों ने अपनी निजी सेनाएं बनाकर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों का कत्लेआम किया. जब तक सामंती शक्तियों को कोई चुनौती नहीं दे रहा था, तब तक सबकुछ ठीक था.किसी ने कह दिया कि दरवाज़े पर चप्पल उतार दो, तो लोग उतार देते थे.किसी ने कहा खटिया से नीचे उतर जाओ, तो लोग उतर जाते थे. मजदूरी न देने पर भी लोग मान जाते थे. तब मंगलराज था. उन्होंने कहा कि आज गांव-गांव में एलइडी वैन घुमाई जा रही है, जिसमें यह बताया जा रहा है कि अगर आपने महागठबंधन को वोट दिया तो जंगलराज वाला बिहार लौट आएगा. उन्होंने कहा कि चार महीने बाद बिहार में लोकतंत्र का इम्तिहान है, तब 70 वर्षों की कुर्बानियों का हिसाब भी खड़ा है. आज़ादी के बाद भी कई गांवों में दलितों को वोट तक डालने का अधिकार नहीं था, जाति पूछकर रोका जाता था. आज अगर भाजपा को सत्ता पर कब्जा करने से नहीं रोका गया फिर से वही दमन उत्पीड़न का दौर लौट आएगा. जिसे हमारे पुरखों ने अपनी जान और खून पसीना देकर खत्म किया था. भाकपा (माले) के केंद्रीय कमेटी सदस्य और पूर्व विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग हर वक्त कहते हैं हिंदू ख़तरे में हैं लेकिन असल में आज हवाई यात्रा, सड़क यात्रा, रेल यात्रा, संविधान, आरक्षण, युवाओं का रोजगार, मोहब्बत, भाईचारा, आदिवासियों का जल-जंगल-जमीन खतरे में है. कहने का अर्थ है कि सिर्फ हिंदू नहीं, पूरा देश ही खतरे में है. सामाजिक न्याय आंदोलन के नेता रिंकु यादव ने कहा कि इस देश में गैर-बराबरी के ख़िलाफ़ लड़ाई बहुत पुरानी है, जो परंपरा बुद्ध से शुरू होकर फुले, पेरियार, आंबेडकर तक जाती है. दुनिया जिसे सर्वहारा कहती है, वह भारत में बहुजन है. वर्ष 2014 के बाद से दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों पर हमले तेज़ हुए हैं. जो थोड़ी-बहुत उपलब्धियां थीं, उन्हें भी छीना जा रहा है. सभा को गौतम प्रीतम,पूर्व डिप्टी मेयर राजीव रंजन, माले जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, बहुजन महिला नेत्री रेखा पंडित सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया.कार्यक्रम का संचालन फुलेना पासवान व अध्यक्षता विजय पासवान कर रहे थे.इस अवसर पर पूर्व उप मेयर राजीव रंजन ने जिले के सभी शहीद बहुजनों के नायकों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दिया.इस अवसर पर कुंवर कन्हैया की टीम ने जनवादी गीतों की प्रस्तुति कर श्रोताओं का दिल जीत लिया.कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बहुजन अधिकार के संघर्षों से जुड़े विभिन्न संस्थानों व संगठनों से जुड़े लोगों ने भी गोष्ठि को संबोधित किया.कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

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