Begusarai News : कोई भी शक्ति सनातनी संस्कृति को क्षति नहीं पहुंचा सकती : गिरिराज

गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरियाधाम के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सिमरिया धाम आगमन हुआ.

By SHAH ABID HUSSAIN | July 8, 2025 10:54 PM
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बीहट

. गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरियाधाम के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सिमरिया धाम आगमन हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वमंगला आश्रम परिसर में स्वामी चिदात्मन जी महाराज के सान्निध्य में ज्ञानदीप प्रज्वलित कर किया गया. इसके पूर्व मिथिला परंपरा के अनुसार अतिथियों को अंग वस्त्र, पाग और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया. संगोष्ठी के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सिंदूर को भक्ति और शक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि मां जानकी की इस धरा को सिंदूर से सजना ही चाहिए. सिमरिया धाम का समग्र विकास किया जाएगा ताकि यह क्षेत्र मिथिला और बिहार का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सके. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सनातनी संस्कृति की रक्षा के लिए अब ओम् शांति के साथ ओम् क्रांति का भी उद्घोष आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रभु श्रीराम ने यज्ञ की रक्षा के लिए अवतार लिया, उसी तरह हमें भी असुरी प्रवृत्तियों के विनाश के लिए आगे आना होगा. गिरिराज सिंह ने सिमरिया धाम को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जतायी और स्वामी चिदात्मन जी को “गंगा पुत्र ” कहकर अपनी श्रद्धा अर्पित की. उन्होंने कहा कि आश्रम परिसर और आसपास के क्षेत्र को सभी सुविधाओं से युक्त किया जायेगा. इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्याम सहाय ने सिमरिया को आदि कुंभस्थली बताते हुए इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को रेखांकित किया. स्वामी चिदात्मन जी ने इसे सांस्कृतिक और धार्मिक जागरण की बेला बताते हुए कहा कि सिमरिया धाम पुनः अपने गौरव की ओर अग्रसर है. कार्यक्रम के दौरान ”कुंभ संस्कृति” और ”विघ्न विनाशक स्तोत्र संग्रह” पुस्तकों का लोकार्पण किया गया. साथ ही ऐतिहासिक रामघाट पर ”सर्वमंगला श्रीराम रथ” का शिलान्यास और अध्यात्म योग विद्यापीठ कार्यालय भवन सह वैदिक पाठशाला का उद्घाटन भी किया गया. दूसरे सत्र में मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ प्रभाकर पाठक, डॉ फुलेश्वर सिंह, डॉ विपिन कुमार झा, डॉ रामकिंकर सिंह, प्रो अवधेश झा समेत अन्य विद्वानों ने व्याख्यान प्रस्तुत किया. संचालन डॉ घनश्याम झा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन पूर्व कमिश्नर प्रियम्बद ने दिया.

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