बलिया. नगर परिषद कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को वार्ड पार्षदों की मांग पर विशेष बैठक बुलाई गयी. जिस बैठक में कुल 12 वार्ड पार्षद ही उपस्थित हो सके. जबकि वार्ड पार्षदों द्वारा नगर कार्यपालक पदाधिकारी डॉ सुजीत कुमार को दिये गये आवेदन में मुख्य पार्षद के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करने एवं सशक्त स्थाई समिति के क्रियाकलाप व जनसंवाद कार्यक्रम में लिये गये योजनाओं पर विचार को लेकर यह विशेष बैठक बुलाई गयी थी. बैठक में मौजूद कुल 12 वार्ड पार्षदों के द्वारा निंदा प्रस्ताव दिया गया. लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण यह पारित नहीं हो सका. निंदा प्रस्ताव को लेकर विगत दो दिनों से नगर परिषद क्षेत्र के आम लोगों में एवं वार्ड पार्षदों में चर्चा का विषय बना हुआ था. पिछले कई महीनों से अध्यक्ष के विरुद्ध वार्ड पार्षदों की एक बड़ी टोली कई गंभीर आरोप लगाते हुये बैठक का बहिष्कार के साथ बैठक में हंगामा एवं बैठक के विरोध में धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. जिस कारण नगर परिषद क्षेत्र में विकास कार्य भी बाधित हो रही है. विगत दिनों 17 वार्ड पार्षदों के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर विशेष बैठक बुलाने की मांग निंदा प्रस्ताव के लिये की गयी थी. जिसके आलोक में कार्यपालक पदाधिकारी डॉ सुजीत कुमार के द्वारा 9 जून को ही पत्र निर्गत कर शुक्रवार को विशेष बैठक बुलाई थी. बैठक में मुख्य पार्षद मो जमालुद्दीन, वार्ड पार्षद रीना कुमारी, विश्वजीत कुमार, हदीसा खातून, शबनम खातून, मो सैफ आलम, अनिता कुमारी, शिवनारायण शर्मा, मो जावेद अख्तर, शाहीन परवीन, फैजान अहमद तमीजी, सिम्मी खातून एवं मो शहजादुज्जमा मौजूद थे. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ सुजीत कुमार ने बताया कि 17 वार्ड पार्षदों के द्वारा विगत दिनों लिखित रूप से विशेष बैठक बुलाने एवं उसमें निंदा प्रस्ताव पास करने सहित सशक्त स्थाई कमेटी के क्रियाकलाप पर नाराजगी के साथ जन संवाद कार्यक्रम में लिये गये योजनाओं पर विचार करने को लेकर दी गयी थी. जिस आलोक में मेरे द्वारा 9 जून को ही पत्र निर्गत कर शुक्रवार को बैठक बुलाई गयी थी. जिस बैठक में मात्र 12 वार्ड पार्षदों की मौजूदगी के कारण किसी भी ऐजेंडा को बहुमत से पारित नहीं किया जा सका. उन्होंने बताया कि बहुमत से किसी भी ऐजेंडे को पारित कराने के लिये कुल 28 वार्ड पार्षदों में कम से कम 15 वार्ड पार्षदों की उपस्थिति अनिवार्य है.
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