तेघड़ा. मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना अंतर्गत तेघड़ा के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी टीकाकरण 09 वर्ष से 14 वर्ष के बालिका को दिया गया. इस टीकाकरण अभियान में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ गोपाल मिश्रा, तेघड़ा अनुमंडल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रामकृष्ण, यूनिसेफ से राजेश कुमार, अनुपम कुमारी एएनएम, स्वास्थ्य प्रबंधक पंकज कुमार, बीसीएम शारदा कुमारी, चंदन कुमार लेखपाल के साथ इस अभियान की शुरुआत कस्तूरबा गांधी विद्यालय से की गयी. कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा एचपीवी का ह्यूमन पेपिलोमावायरस से सुरक्षा प्रदान करता है. यह एक वायरस है जो जननांग मस्से और विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है. एचपीवी वैक्सीन इन कैंसर के अधिकांश मामलों से सुरक्षा प्रदान करती है. एचपीवी वैक्सीन एक ऐसा टिका है जो मानव पेपिलोमावायरस के कारण होने वाले कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है. यह शरीर को एचपीवी के कुछ स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली की जागरूकता बनाने में मदद करता है ताकि यदि बाद में संक्रमण हो तो शरीर उसे आसानी से साफ कर सके. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रामकृष्ण ने कहा एचपीवी वैक्सीन 9 वर्ष से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए की जाती है, लेकिन 11-12 वर्ष की आयु में टीकाकरण सबसे प्रभावित होता है. क्योंकि इससे पहले ही यौन रूप से सक्रिय होने की संभावना कम होती है. उन्होंने बताया अभी यह अभियान की शुरुआत जिला में कस्तूरबा गांधी विद्यालय से शुरू की गयी है. इस अभियान के तहत तेघड़ा के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में 104 बालिका को एचपीवी का टीकाकरण किया गया. उन्होंने बताया एचपीवी वैक्सीन को दो खुराक या तीन खुराक श्रृंखला में मांसपेशियों में इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. अगर एचपीवी टीकाकरण की प्रारंभिक खुराक नौ वर्ष से 14 वर्ष की आयु में दी जाती है तो दो खुराक श्रृंखला दी जाती है. अगर एचपीवी टीकाकरण की शुरुआती खुराक 15 वर्ष की उम्र में या इसके बाद दी जाती है, तो तीन खुराक वाली श्रृंखला दी जाती है. टीकाकरण के दौरान स्वास्थ्य कर्मी मनोज कुमार, प्रतिमा कुमारी सहित विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुबोध कुमार साह सहित कस्तूरबा विद्यालय के वार्डेन और अन्य लोग मौजूद थे.
संबंधित खबर
और खबरें