बेतिया/बगहा. सिविल कोर्ट बगहा के जिला जज-चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट में बुधवार को राजकुमार गोंड हत्याकांड की सुनवाई के दौरान खाकी की मनमानी सामने आई. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टर व कांड के आइओ कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंचे थे. 13 वर्षों से इनके साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से डेट पर डेट लिया जा रहा है. सात वर्ष पूर्व, 13 अगस्त 2018 को गैर जमानती वारंट कोर्ट से जारी हो चुका था. इसके बाद भी अनुमंडल अस्पताल बगहा के प्रभारी डॉक्टर आरपी सिंह, भिंतहा के पूर्व प्रभारी सब-इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह व आइओ लखीचंद साह कोर्ट में आना उचित नहीं समझे. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया. बगहा के एसपी से जवाब तलब करते हुए तीनों को तत्काल प्रभाव से अरेस्ट कर 16 जून को कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने पुलिस कप्तान से शो-कॉज करते हुए पूछा है कि जब तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट निर्गत किया जा चुका है, तो तामिला संबंधी रिपोर्ट 28 नवंबर 2023 को न्यायालय द्वारा मांगी गई थी. इन दो वर्षों में पुलिस द्वारा किस परिस्थिति में निर्गत गैर जमानती वारंट की तामिला प्रस्तुत नहीं की गई. एसपी को निर्देश दिया गया कि वे अपने स्तर से न्यायालय द्वारा निर्गत गैर जमानती वारंट की तामिला सुनिश्चित करते हुए डॉ. आरपी सिंह, एसआई विनोद कुमार सिंह, एसआई लखीचंद साह को गिरफ्तार कर साक्ष्य देने के लिए इस न्यायालय में प्रस्तुत करें, जिससे उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिए गए निर्देश का ससमय अनुपालन हो सके. ————– 12 वर्षों से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया अभियोजन बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील की कि यह वाद अभियोजन साक्ष्य के लिए 22 नवंबर 2009 से लंबित चला आ रहा है. इस वाद में कुल 17 साक्षी हैं, जिनमें 13 साक्षियों का साक्ष्य हो चुका है, केवल अनुसंधानकर्ता एवं चिकित्सक का साक्ष्य शेष है. दिनांक 17 अप्रैल 2013 के बाद से 12 वर्षों से अभियोजन द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है. अभियोजन साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया जाए. अभियोजन पदाधिकारी मन्नू राव ने कोर्ट को बताया कि यह हत्याकांड का वाद है. अनि विनोद कुमार सिंह एवं अनि सखीचंद साह का यहां से स्थानांतरण हो चुका है. वें उपस्थित नहीं हो सके हैं. यह सही है कि डॉ आरपी सिंह अनुमंडल अस्पताल बगहा, अनि विनोद कुमार सिंह, थानाध्यक्ष भिंतहा ओपी, अनि सखीचंद साह तथा लालजी गोंड के विरुद्ध 13 अगस्त 2018 को गैर जमानती वारंट साक्ष्य देने के लिए निर्गत किया जा चुका है. बावजूद इसके वे अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं. —————– सरेआम 18 वर्ष पूर्व हुआ था राजकुमार की हत्या ठकराहां थाना के जिगनही गांव के रहने वाले स्व. बृक्षा गोंड के पुत्र लालजी गोंड द्वारा लिखित तहरीर देकर अपने पुत्र राजकुमार की हत्या के संबंध में नामजद अभियुक्तों राजेश चौधरी एवं अनिल चौधरी के विरुद्ध दिनांक 06 फरवरी 2007 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. कुल 17 साक्षियों में से 13 साक्षियों का साक्ष्य हो चुका है.
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