सतीश कुमार पांडेय, नरकटियागंज
रविवार को फादर्स डे के दिन जहां लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपने अपने पिता को सम्मान दे रहे थे. समर्पण का भाव व्यक्त कर रहे थे. वहीं शिकारपुर थाना क्षेत्र के बैरिया गांव में दो पुत्र मिलकर अपने ही पिता की मौत की पटकथा लिख रहे थे. जिस पिता ने अपने बेटों को पाल पोस कर बड़ा किया उन्हे इस काबिल बनाया कि वे बड़े होंगे तो वें उसका सहारा बनेंगे, उन्हीं बेटों ने उसी पिता की छाती चाकू से छलनी कर दी.
उम्र के अंतिम दहलीज पर खड़े 65 वर्षीय चंद्रशेखर साह ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिन हाथों से उन्होंने अपने तीन बेटों को उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, कंधे पर बिठा मेला दिखाने ले गए. सारी उम्र पसीना बहाया आज वही बेटे उस पसीने को खून से नहला देंगे. चन्द्रशेखर का कसूर सिर्फ इतना था कि वो अपने छोटे बेटे कन्हैया साह के साथ रहते थे और 16 कठ्ठा जमीन में से 12 कठ्ठा जमीन उसे देने के लिए कह रहे थे. रविवार की रात जब गांव के गया यादव के दरवाजे पर पारिवारिक विवाद सुलझाने को पंचायती बुलाई गई थी, किसी ने नहीं सोचा था कि यह पंचायत ही खून से रंग जाएगी. राधाकांत और राजकिशोर ने केवल एक पिता की हत्या नहीं की बल्कि एक रिश्ते का खून कर दिया. एक पिता के सपनों का अंत कर न केवल गांव को बल्कि पूरे समाज को और एक पिता के प्रति सम्मान के दिन फादर्स डे को ही खून से लथपथ कर दिया.
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बैरिया हत्याकांड मामले में अनुसंधान जारी है. हत्या मामले के आरोपित राधाकांत साह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. एफएसएल टीम से जांच करायी जा रही है. शीघ्र ही एक अन्य आरोपित राजकिशोर साह को गिरफ्तार किया जाएगा. हत्या के पीछे जमीनी विवाद की बात सामने आ रही है.
जयपकाश सिंह, एसडीपीओ
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