नरकटियागंज . गन्ना की खेती अब पारंपरिक तरीकों से अलग होकर आधुनिकता की ओर अग्रसर हो रही है और इसका जीवंत उदाहरण गुरुवार को न्यू स्वदेशी शुगर मिल में देखने को मिला. यहां गन्ना यांत्रिकीकरण योजना के तहत आयोजित विशेष शिविर में 150 से अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन करा कर कृषि यंत्रों की दिशा में पहला ठोस कदम बढ़ाया. शिविर में गन्ना उद्योग विभाग के संयुक्त कृषि निदेशक एवं योजना के बिहार नोडल प्रभारी प्रेम प्रताप सिंह ने किसानों से सीधा संवाद किया. उन्होंने कहा,हमारा उद्देश्य है कि किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाएं और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित करें. उन्होंने यह भी बताया कि जहां पहले 11 प्रकार के कृषि यंत्र मिलते थे, वहीं अब विभाग द्वारा 33 प्रकार के अत्याधुनिक यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं. बता दें कि गन्ना विभाग कार्यालय में बनाए गए छह पंजीकरण काउंटरों पर किसानों की लंबी कतारें दिखीं. किसानों का उत्साह इस बात का संकेत है कि अब वे भी खेती में तकनीक को अपनाने को तैयार हैं. श्री सिंह ने बताया कि अगले शिविर का आयोजन 9 जुलाई को किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें. उन्होने यह भी बताया कि चुनाव से पहले जितने किसानो का रजिस्ट्रेशन हुआ है उन्हे कृषि संयत्र उपलब्ध करा दिये जाएंगे. वहीं मिल के महाप्रबंधक रविन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि गन्ना यांत्रिकीकरण योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए मिल द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा,गन्ने की खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाने के लिए तकनीक ही भविष्य है. यदि किसान इसे अपनाएं तो नरकटियागंज पूरे बिहार में गन्ना उत्पादन का अग्रणी केंद्र बन सकता है. —— मशीनों पर मिल रही सब्सिडी उप गन्ना प्रबंधक प्रेम सिंह ने जानकारी दी कि गन्ना रोपण, सिंचाई, कटाई और रख-रखाव के लिए दी जाने वाली मशीनों पर सामान्य किसानों को 50 और एससी-एसटी किसानों को 60 प्रतिशततक की सब्सिडी दी जा रही है. ————— किसानों ने जताया संतोष और आभार शिविर में भाग लेने वाले किसानों त्रिभुवन पटेल, उमेश साह, भिखारी यादव, अशोक शर्मा, रियाज आलम, मुकेश कुमार, सुशील पाल, घनश्याम यादव, राघव कुशवाहा आदि ने कहा कि कृषि यंत्रों के रजिस्ट्रेशन की सुविधा और जागरूकता अभियान के लिए वे मिल प्रबंधन के आभारी हैं. किसानों ने कहा कि महाप्रबंधक रविंद्र कुमार तिवारी और उपमहाप्रबंधक राजीव कुमार त्यागी स्वयं खेतों में जाकर मशीनों की उपयोगिता समझा रहे हैं. इससे किसानों को बड़ी राहत मिल रही है.
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