बक्सर
. झमाझम बारिश के बीच सावन की आखिरी सोमवारी को शहर समेत जिले भर के सभी शिवालय हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान हो गए. मंदिर में हो रहे पूजा-पाठ के कारण सुबह से लेकर शायं काल तक वैदिक मंत्रोच्चार गूंजते रहे. जिससे पूरा वातावरण शिवमय हो गया.मंदिरों में उमड़ी आस्था की भीड़
सूर्योदय से पहले ही पहुंचने लगे थे भक्तशहर के दर्जन भर से अधिक शिव मंदिरों में सूर्योदय से पूर्व ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई थी. त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के हाथों नगर के रामरेखाघाट पर स्थापित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की तादाद इतनी ज्यादा थी कि परिसर में तिल रखने की जगह मिलना भी मुश्किल था. वहां भक्तों के आने-जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था. नतीजा यह था कि गर्भ गृह में पूजन-अर्चन के लिए भक्तों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था.वहीं पौराणिक महत्व वाले गंगा व ठोरा के संगम पर स्थापित बाबा संगमेश्वर नाथ, सोमेश्वर स्थान स्थित बाबा सोमेश्वर नाथ, चरित्रवन स्थित चैत्ररथ शिव, पंचमुखी शिव, आदिनाथ आखाड़ा अंतर्गत श्री नाथ मंदिर, सिविल लाइंस स्थित सिद्धानाथ मंदिर, सोहनीपट्टी स्थित अर्द्ध नारिश्वर श्री गौरीशंकर मंदिर एवं बाजार समिति रोड स्थित श्री पतालेश्वर नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं के तांता लगे रहे.
भगवान शिव को प्रिय है सावन माससावन का महीना भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय है. सो श्रावण मास में प्रतिदिन शिव भक्त अपने आराध्य की विशेष आराधना करते हैं. सावन के सोमवार के विशेष महत्व के चलते प्रत्येक व्यक्ति मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ कर अपना सौभाग्य समझता है. इस बार सावन मास में चार सोमवारी पड़ी. सो चौथी व अंतिम सोमवारी को मंदिरों में ज्यादा भीड़-भाड़ रहीं. जाहिर है कि श्रावण मास के सोमवार को पूजा करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा मिलती है और जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है.
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