घर के आंगन में आराम फरमा रहा था मगरमच्छ, नजर पड़ते ही मचा हड़कंप, जानें फिर क्या हुआ?
Bihar News: बिहार के बगहा में आए दिन तेंदुआ, मगरमच्छ, सांप, भालू आदि जानवर जंगल से रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं. एक बार फिर एक विशालकाय मगरमच्छ घर के आंगन से रेस्क्यू किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, मगरमच्छ आंगन में आराम फरमा रहा था.
By Abhinandan Pandey | October 27, 2024 2:34 PM
Bihar News: बिहार के बगहा में आए दिन तेंदुआ, मगरमच्छ, सांप, भालू आदि जानवर जंगल से रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं. एक बार फिर एक विशालकाय मगरमच्छ घर के आंगन से रेस्क्यू किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, मगरमच्छ आंगन में आराम फरमा रहा था. सुबह जैसे ही घरवालों ने देखा हड़कंप मच गया. लोगों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद वनकर्मियों की टीम ने करीब 10 फीट लंबे भारी भरकम मगरमच्छ का रेस्क्यू किया.
यह मामला इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मिकीनगर के बिसाहा गांव की बताई जा रही है. जहां एक विशालकाय मगरमच्छ सुरेश यादव के घर के आंगन में घुस आया था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शिकार की तलाश में निकला मगरमच्छ घर में पहुंचा हो. रविवार की सुबह उठते ही जैसे लोगों की नजर मगरमच्छ पर पड़ी उनकी चीखें निकल गई. परिजन घर छोड़कर बाहर भागने लगे.
शोरगुल के बाद ग्रामीणों की भीड़ हो गई इकट्ठा
जब लोगों की शोरगुल ग्रामीणों ने सुना तो भीड़ इकट्ठा हो गई. उसके बाद वन विभाग को इसकी सूचना दी गयी. मौके पर पहुंचे वनकर्मियों को 10 फीट लंबे विशाल मगरमच्छ का रेस्क्यू करने में घंटों तक काफी जद्दोजहद करना पड़ा. रेस्क्यू में तकरीबन 7 से 8 वनकर्मियों लगे हुए थे. इस दौरान मगरमच्छ को काबू करने में रेस्क्यू टीम के पसीने छूट गए.
दरअसल, पिछले दिनों गंडक नदी में आई बाढ़ के बाद नदी के रास्ते गांवों में कई मगरमच्छ पहुंच गए हैं. ग्रामीणों के पशुओं को अपना निवाला बना रहे हैं. वाल्मिकीनगर के अलावा पिपरासी, रामपुर, नरवल बोरवल और पिपरा व गोईती, मंगलपुर औसानी समेत गंडक नदी के आसपास बसे कई गांवों के तालाब और नहरों में मगरमच्छों ने अपना अड्डा बनाया है.