बरौली. यूं तो सावन के सभी सोमवार महादेव के आशीर्वाद के साथ आते हैं, लेकिन सावन की दूसरी सोमवारी का एक अलग महत्व है. मान्यताओं के अनुसार सावन की दूसरी सोमवारी को भगवान शिव का जलाभिषेक से भोलेनाथ खुश होते हैं और करियर से लेकर धन-धान्य का आशीर्वाद देते हैं. पंडित वैरागी बाबा तथा आचार्य सुमित पांडेय ने बताया कि भगवान शिव सृष्टि के तीनों गुणों को नियंत्रित करते हैं. वो त्रिनेत्रधारी हैं. शिव जी की उपासना भी मूल रूप से तीन स्वरूपों में की जाती है. प्रखंड के अधिकतर गांवों में अहले सुबह से हर-हर बम-बम के नारे गूंजते रहे और श्रद्धालु भोले का जलाभिषेक करते रहे. अभिषेक के दौरान युवक तो त्रिपुंड लगवाने में आगे रहे हीं, युवतियां भी पीछे नहीं रहीं और वे भी भगवान शिव का त्रिपुंड एक-दूसरे के ललाट पर लगाती दिखीं. प्रखंड में सबसे अधिक भीड़ डाक बाबू के मंदिर, भड़कुईयां स्थित शिवमंदिर, दक्षिण लकड़ीगोला स्थित शिवमंदिर में उमड़ी. इसके अलावा प्रखंड के देवापुर, माधोपुर, सरेयां नरेन्द्र, बेलसंड, नवादा, माड़नपुर, कोटवां, सिसई, फतेहपुर, सोनबरसा, संड़ार, सदौवां, रामपुर, बघेजी, विशुनपुरा, लरौली आदि गांव में भी श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया.
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