गोपालगंज. मीरगंज के विनीता कुमारी (सामाजिक कारणों से नाम बदला हुआ) की शादी मोतिहारी में तय था. लड़का व्यसायी था. 14 अप्रैल को तिलक था. इस बीच लड़की ने युवक के सिविल स्कोर की जांच कर दी. काफी खराब सिविल स्कोर रहने पर उसने शादी से इंकार कर दिया, जबकि बरौली की एक युवती की शादी एजुकेशन लोन के कारण नहीं हो सकी. समाज में यह बदलाव का असर है. पहले जन्मकुंडली की प्रधानता थी. अब कुंडली के साथ मेडिकल चेकअप के बाद शादी करने की कड़ी में सिविल स्कोर शामिल हो गया है. युवतियों में विवाह से पहले होने वाले साथी का सिविल स्कोर जांचना तेजी से बढ़ रहा है. बैंकों में भी जुगाड़ लगा कर स्कोर को जांचा जा रहा है. आर्थिक मामलों के जानकार दिग्विजय नारायण सिंह ने बताया कि यह बदलाव कई मायनों में काफी आवश्यक है. जीवन में आगे बढ़ने के लिए कर्ज से मुक्ति भी जरूरी है. सिविल स्कोर के ठीक रहने से जीवन बेहतर रहने की कल्पना की जा रही है.
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