दो दिनों के मुहूर्त मिलने से बाजार पर धनवर्षा के बन रहे योग
शास्त्रों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि की पूजा-उपासना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति ऊर्जावान रहता है. धनतेरस को लेकर बहुत असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कुछ लोगों का कहना है कि धनतेरस का पर्व 29 अक्तूबर को मनाया जायेगा, तो कुछ लोग 30 अक्तूबर को यह पर्व मनायेंगे. दोनों दिन खरीदारी के योग बन रहे हैं. ऐसे में शहर में ज्वेलरी से लेकर कार तक की बुकिंग तेज हो गयी है. शहर के बंजारी में होंडा की एजेंसी में जहां कार की बुकिंग हो रही है. वहीं ज्वेलरी दुकानों पर भीड़ हो रही है.
धनतेरस के दिन दीपदान का भी महत्व
ज्योतिषाचार्य पं ओम तिवारी ने बताया कि धनतेरस की पूजा हमेशा प्रदोष काल में की जाती है, भगवान धन्वंतरि की पूजा-उपासना करने के साथ साथ दीपदान भी किया जाता है. साथ ही घर के मेन गेट, छत, नल के पास एक एक दीपक भी जलाया जाता है. घर के बाहर भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जलाया जाता है. ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
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कब है धनतेरस
त्रयोदशी तिथि का आरंभ – 29 अक्तूबर, सुबह 10 बजकर 31 मिनट से
त्रयोदशी तिथि का समापन – 30 अक्तूबर, दोपहर 1 बजकर 15 मिनट तक
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
29 अक्तूबर को गोधूलि काल शाम 6: 31 मिनट से शुरू होकर रात 8: 31 मिनट तक रहेगा. धनतेरस की पूजा एक घंटा 42 मिनट का समय मिलेगा.
धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है, इस योग में खरीदारी करना बहुत शुभ रहेगा. यह योग सुबह 6 बजकर 31 मिनट से अगले दिन तक 10 बजकर 31 मिनट पर रहेगा. इस योग में की गयी खरीदारी से चीजों में तीन गुणा वृद्धि होती है. अभिजीत मुहूर्त बन रहा है और इस योग में खरीदारी करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी. 29 अक्तूबर के दिन 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट के बीच खरीदारी करें.