गोपालगंज. गोपालगंज शहर में एक महिला की मौत ने समाज को झकझोर कर रख दिया है. मंजू देवी नामक महिला की लाश रविवार की सुबह नगर थाना क्षेत्र के इस्लामिया मुहल्ले में एक मदरसे के पास बिजली के पोल के नीचे लावारिस हालत में मिली. पहले तो पुलिस ने उसे गुमनाम और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला मानकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन बाद में जांच में उसकी पहचान राजेंद्र नगर मुहल्ले के निवासी ट्रक ड्राइवर मनु सिंह की पत्नी के रूप में हुई.
परिवार के खिलाफ जाकर किया था प्रेम विवाह
मंजू देवी मूल रूप से बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के दिघवा-दुबौली गांव की रहने वाली थीं. उन्होंने परिवार और समाज के खिलाफ जाकर मनु सिंह से प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद दोनों की एक बेटी भी हुई. मगर समय के साथ मनु सिंह का दिल बदल गया और ट्रक ड्राइविंग के दौरान उसकी जिंदगी में दूसरी महिला आ गयी. मनु सिंह ने दूसरी शादी कर ली, जिससे मंजू देवी को गहरा सदमा लगा.
नशे की पाल ली थी आदत
पति के धोखे ने मंजू की जिंदगी को पूरी तरह तबाह कर दिया. अकेलापन और दर्द से जूझती मंजू ने नशे की आदत पाल ली. वह ड्रग्स, स्मैक और गांजा की लत में बुरी तरह फंस गयीं. कभी अस्पतालों में, तो कभी चौक-चौराहों पर वह लावारिस हालत में देखी जाती थीं. समाज ने भी उन्हें मानसिक रोगी मानकर छोड़ दिया. उधर, उनकी बेटी शिवानी ने भी मां की हालत और पिता की करतूतों से दुखी होकर दूसरे समुदाय के युवक से तुरकहां में लव मैरेज कर लिया और अब वह शिवानी खातून के नाम से जानी जाती है. शिवानी ने बताया कि उसकी मां को ड्रग्स की लत बुरी तरह लग गयी थी. वह हमेशा ड्रग्स के सेवन की फिराक में रहती थी. उनकी जान भी ड्रग्स की वजह से ही हुई है.
पुलिस करेंट लगने से मौत की जता रही
आशंका
पुलिस को आशंका है कि मंजू देवी की मौत बिजली का करेंट लगने से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्थिति स्पष्ट होगी. नगर इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार प्रभाकर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद मंजू के भाई धर्मेंद्र महतो और मायकेवालों को सौंप दिया जायेगा ताकि उनका सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया जा सके. यह घटना न केवल एक महिला की बर्बादी की कहानी है, बल्कि समाज की उस बेरुखी को भी उजागर करती है, जो पीड़ित को सहारा देने के बजाय उसे ठुकरा देता है.
प्यार में मिला दर्द, रिश्तों में टूटी उम्मीद
मंजू देवी ने समाज और परिवार की परवाह किये बिना मनु सिंह से प्रेम विवाह किया था. प्यार में डूबी मंजू को शादी के बाद वह सुख नहीं मिला, जिसकी उसने कल्पना की थी. विवाह के कुछ समय बाद ही हालात बिगड़ने लगे. पति की बेवफाई और दूसरी शादी ने उसके जीवन को पूरी तरह बदल दिया. मायके और ससुराल दोनों जगहों से उसे सहारे की उम्मीद थी, लेकिन हर रिश्ता धीरे-धीरे दूर होता गया. बेघर होने के बाद मंजू देवी लावारिस हालत में सड़कों के किनारे जिंदगी गुजारने लगीं. भीख मांगकर किसी तरह पेट भरती थीं और नशे की लत ने उन्हें पूरी तरह जकड़ लिया था. करीब चार वर्षों तक उन्होंने इसी हाल में संघर्ष किया. अंततः रविवार को यह संघर्ष समाप्त हो गया और मंजू की जिंदगी की दर्दभरी कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गयी.
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