गोपालगंज. नगर थाने के चैनपट्टी स्थित हाइवे पर स्थित स्किन लेजर एंड डेंटल इंस्टीट्यूट में मंगलवार को ड्रग विभाग की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान बगैर लाइसेंस के दवा की दुकान को चलते पाया गया. लाइसेंस नहीं होने पर दुकान से 35 किस्म की दवाओं को जब्त कर लिया गया. वहीं दो दवाओं को अधोमानक होने की आशंका को देखते हुए पटना बिहार ड्रग कंट्रोल लेबोरेट्री भेजा जायेगा. इतना ही नहीं, दुकान से 50 हजार नकद भी बरामद किया गया है. ड्रग विभाग की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद की ओर से गठित टीम ने की.
सीएस ने गठित की जांच टीम
जानकार सूत्रों ने बताया कि सीएम पोर्टल व उनको मिली शिकायत पर सीएस के द्वारा सहायक औषधी नियंत्रक महेश राम के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर अभय शंकर व शहरी क्षेत्र के ड्रग इंस्पेक्टर मुकेश कुमार राउत की टीम गठित कर कार्रवाई का आदेश दिया. मंगलवार की दोपहर में टीम ने चैनपट्टी में स्किन लेजर एंड डेंटल इंस्टीट्यूट में नगर थाने की पुलिस के साथ छापेमारी की. घंटों चली इस छापेमारी के दौरान एक-एक दवा की जांच की गयी. ऐसे में दो दवाएं ऐसी मिलीं, जो अधोमानक हो सकती हैं. उन दवाओं को जब्त कर लिया गया. अब लेबोरेट्री में जांच से ही स्पष्ट होगा कि दवाएं नकली हैं या नहीं. 35 किस्म की दवाओं को सील कर लिया गया.
ड्रग विभाग की कार्रवाई का बनाया गया वीडियो
ड्रग विभाग के छापेमारी व कार्रवाई का पूरा वीडियो बनाया गया. वीडियो को विभाग को सौंपा गया. दवाओं को सील करने से लेकर पूरे कार्रवाई को वीडियो में कैद किया गया. कोर्ट को भी उसका फुटेज सौंपा जायेगा.
ड्रग इंस्पेक्टर सीजेएम कोर्ट में दाखिल करेंगे केस
जानकार सूत्रों ने बताया कि बगैर लाइसेंस के दुकान पाये जाने पर सीधे ड्रग इंस्पेक्टर सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज करेंगे. थाने में कांड दर्ज नहीं किया जायेगा. ड्रग इंस्पेक्टर के अभियोजन साक्ष्य के आधार पर कोर्ट सजा दे सकता है. बिना लाइसेंस के दवा बेचने पर सजा एक से तीन साल तक हो सकती है और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लग सकता है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18 के तहत, बिना लाइसेंस या रद्द लाइसेंस के दवा बेचना अपराध है. अयोध्या के कोर्ट ने अपराध की प्रकृति व गंभीरता के आधार पर अभियुक्त को चार साल के कारावास व 1.20 लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया था.
बगैर लाइसेंस के कई दवा दुकानें चलने की आशंका
जानकारों की मानें, तो शहर से लेकर गांवों के चौक-चौराहों पर 60 से अधिक दवा की दुकानें चल रही हैं, जो बगैर लाइसेंस के चल रही हैं. गुमटी, पान की दुकानों में भी दवा की दुकानें चल रहीं. ड्रग विभाग के राडार पर वे सभी दुकानों आ गयी हैं. सहायक औषधि नियंत्रक महेश राम ने ऐसी दुकानों की जानकारी मांगी है. जानकारी देने वाले की नाम- पता को गोपनीय रखने की बात कही है, जिससे उनपर कार्रवाई हो सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है