गोपालगंज. नेपाल में गंडक नदी के अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. बुधवार की सुबह नदी का पानी और बढ़ेगा. हालांकि वाल्मीकिनगर बराज से मंगलवार की सुबह 95200 क्यूसेक से घटकर शाम चार बजे डिस्चार्ज 83900 क्यूसेक पर आ गया.
अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही नदी
विशंभरपुर में खतरे के निशान से नदी अभी 90 सेमी तो पतहरा में 80 सेमी, तो डुमरिया में 40 सेमी नीचे बह रही थी. नेपाल में अभी माॅनसून के सक्रिय रहने से अभियंताओं की टीम मुस्तैद है. दीपऊ-पकड़ी बांध पर खतरा बरकरार होने के कारण शाम को मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार, कार्यपालक अभियंता साजिद इकबाल, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह पहुंचे, जहां पहले से इ पिंटू कुमार मौजूद थे.
अभियंताओं ने तटबंधों के सुरक्षित होने का किया दावा
अभियंताओं की टीम ने नदी के स्थिति को देखा. उसके बाद तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है. उधर, नदी का जल स्तर बढ़ते देख जिले के कुचायकोट, सदर, मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर के लगभग 43 वैसे गांव, जो नदी व तटबंध के बीच हैं, वहां रहने वाले 60 हजार से अधिक लोगों की नींद हराम हो गयी है. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर ने उनकी धड़कनों को बढ़ा दिया है.
अलर्ट पर है विभाग
विशंभरपुर में कार्यपालक अभियंता पवन कुमार, सहायक अभियंता शमशेर आलम, जेइ राकेश कुमार, झा गोविंद कुमार गुप्ता आदि अलर्ट मोड में हैं और रात में भी लाइट के सहारे निगरानी की जा रही है. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने बताया कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. विभाग अलर्ट हैं. बांध पर कोई खतरा नहीं है. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है.
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